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कोयला शक्ति डैशबोर्ड और क्लैंप पोर्टल

01.11.2025

  1. कोयला शक्ति डैशबोर्ड और क्लैंप पोर्टल

संदर्भ
केंद्रीय कोयला और खान मंत्री ने भारत के कोयला क्षेत्र में पारदर्शिता, परिचालन दक्षता और डेटा-संचालित शासन को बढ़ाने के लिए दो प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म - कोयला शक्ति डैशबोर्ड और कोयला भूमि अधिग्रहण, प्रबंधन और भुगतान (क्लैंप) पोर्टल लॉन्च किया।

कोयला शक्ति डैशबोर्ड के बारे में

यह क्या है?
कोयला मंत्रालय द्वारा विकसित और अनुरक्षित एक स्मार्ट कोल एनालिटिक्स डैशबोर्ड (SCAD) एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो खदान से लेकर बाज़ार तक संपूर्ण कोयला मूल्य श्रृंखला के डेटा को एकीकृत करता है। यह भारत के कोयला पारिस्थितिकी तंत्र की डिजिटल रीढ़ के रूप में कार्य करता है।

उद्देश्य:
वास्तविक समय निगरानी, ​​डेटा एकीकरण और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को सक्षम बनाना, सभी कोयला क्षेत्र के हितधारकों में परिचालन दक्षता और समन्वय को मजबूत करना।

प्रमुख विशेषताऐं

  • एकीकृत दृश्यता: कोयला उत्पादन, रसद और खपत से संबंधित विविध डेटा को एक व्यापक इंटरफ़ेस में एकीकृत करता है।
  • वास्तविक समय निगरानी: लाइव विश्लेषण के साथ रेल, सड़क और मल्टीमॉडल प्रणालियों के माध्यम से कोयला आवाजाही पर निरंतर नज़र रखना।
  • डेटा-संचालित शासन: मांग पूर्वानुमान, संसाधन आवंटन और नीति नियोजन के लिए विश्लेषणात्मक उपकरण प्रदान करता है।
  • घटना प्रतिक्रिया प्रणाली: परिचालन संबंधी व्यवधानों को शीघ्रता से दूर करने के लिए समय पर अलर्ट और सूचनाएं भेजती है।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही: खुली निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के लिए सुलभ प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) प्रदर्शित करता है।
  • परिचालन दक्षता और मानकीकरण: एकसमान मीट्रिक और रिपोर्टिंग प्रारूपों के माध्यम से मैन्युअल त्रुटियों को कम करता है।
  • मापनीयता: अतिरिक्त डेटा सेट और डिजिटल सेवाओं के साथ भविष्य के एकीकरण के लिए डिज़ाइन किया गया।

हितधारकों
में कोयला उत्पादक कंपनियां (सार्वजनिक और निजी), केंद्रीय मंत्रालय (कोयला, बिजली, रेलवे, वित्त, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग), ई-खनिज प्लेटफार्मों के माध्यम से कोयले का प्रबंधन करने वाले राज्य विभाग, बिजली उत्पादन कंपनियां, बंदरगाह प्राधिकरण और अन्य औद्योगिक कोयला उपभोक्ता शामिल हैं।

क्लैम्प पोर्टल के बारे में

यह क्या है?
एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जो विशेष रूप से कोयला-आधारित क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण, मुआवज़ा और पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन (आर एंड आर) प्रक्रियाओं के प्रबंधन पर केंद्रित है। यह एक व्यापक संग्रह के रूप में कार्य करता है और पारदर्शिता एवं समयबद्धता के लिए कार्यप्रवाह को डिजिटल बनाने में मदद करता है।

उद्देश्य:
मानवीय विवेक को कम करके, प्रक्रियागत देरी को न्यूनतम करके, तथा कोयला क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू), राज्य विभागों और जिला प्राधिकरणों के बीच समन्वय में सुधार करके न्यायसंगत और समय पर भूमि प्रबंधन सुनिश्चित करना।

प्रमुख विशेषताऐं

  • एंड-टू-एंड डिजिटल वर्कफ़्लो: भूमि स्वामित्व और रिकॉर्ड अपलोड करने से लेकर अंतिम मुआवजा भुगतान तक की प्रक्रियाओं को शामिल करता है।
  • केंद्रीय भंडार: अद्यतन और सुलभ भूमि और मुआवजे का विवरण रखता है।
  • पारदर्शिता एवं जवाबदेही: अनुमोदन को सुव्यवस्थित करना तथा पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन में निष्पक्षता सुनिश्चित करना।
  • नागरिक-केंद्रित शासन: त्वरित, निष्पक्ष मुआवजा तंत्र और अंतर-एजेंसी समन्वय पर केंद्रित है।

निष्कर्ष:
कोयला शक्ति और क्लैम्प मिलकर भारत के कोयला क्षेत्र के लिए डिजिटल शासन में एक परिवर्तनकारी छलांग का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म वास्तविक समय में डेटा-आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं, परिचालन पारदर्शिता बढ़ाते हैं, और टिकाऊ एवं कुशल कोयला पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए सरकार के आत्मनिर्भर भारत और "न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन" के दृष्टिकोण को बल देते हैं।

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