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ऑपरेशन सिंधु

21.06.2025

 

 ऑपरेशन सिंधु

 

प्रसंग:
 जून 2025 में, इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों, को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया।

समाचार से संबंधित जानकारी:

  • भारत ने ईरान से एक गैर-लड़ाकू निकासी अभियान (Non-Combatant Evacuation Operation – NEO) शुरू किया।
     
  • ईरान में लगभग 4,000 भारतीय नागरिक मौजूद थे।
     
  • पहले समूह में 110 भारतीय नागरिक, जिनमें अधिकांश छात्र थे, आर्मेनिया के रास्ते भारत लौटे।
     
  • इस निकासी अभियान का समन्वय विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा किया गया।
     

ऑपरेशनल चुनौतियाँ:

  • बुनियादी ढांचे को क्षति: ईरान में इज़रायली हवाई हमलों से अस्पतालों और सड़कों को गंभीर नुकसान पहुँचा।
     
  • राजनयिक सीमाएँ: तुर्की और अज़रबैजान ने भारत के निकासी प्रयासों में पूर्ण सहयोग नहीं किया।
     
  • संसाधनों की कमी: कई निकाले गए लोगों को भोजन, पानी और आवश्यक दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ा।
     
  • चिकित्सीय आपात स्थितियाँ: कई घायल नागरिकों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल सकीं क्योंकि प्रणाली ध्वस्त हो चुकी थी।
     

सुझावित रणनीतिक उपाय:

  • राजनयिक तैयारी: आर्मेनिया जैसे सीमावर्ती देशों के साथ मजबूत सहयोग विकसित कर निकासी गलियारों को सुनिश्चित करना।
     
  • प्रौद्योगिकी का एकीकरण: विदेशों में मौजूद भारतीय नागरिकों की रीयल-टाइम निगरानी हेतु डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करना।
     
  • संकट प्रोटोकॉल विकास: मध्य पूर्व जैसे संघर्ष-प्रवण क्षेत्रों के लिए मानक निकासी दिशानिर्देश तैयार करना।
     
  • क्षमता निर्माण: अस्थिर देशों में भारतीय दूतावासों की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं को सुदृढ़ बनाना।
     

निष्कर्ष:
 ऑपरेशन सिंधु ने संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में भी भारत की अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की नीति को सशक्त रूप से दर्शाया। यह अभियान कठिन राजनयिक व लॉजिस्टिक परिस्थितियों के बावजूद तेज़ और संगठित तरीके से संपन्न किया गया।

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