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टीवी-डी1 मिशन

20.10.2023

टीवी-डी1 मिशन

प्रीलिम्स के लिए: महत्वपूर्ण बिंदु, टीवी-डी1 मिशन, गगनयान मिशन

मुख्य के लिए: मिशन उद्देश्य, गगनयान का पहला उड़ान परीक्षण वाहन, क्रू मॉड्यूल

खबरों में क्यों?

21 अक्टूबर, 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो),गगनयान मिशन के लिए अपनी पहली परीक्षण उड़ान, टीवी-डी 1 लॉन्च करने के लिए तैयार हैं, जो भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की खोज में एक महत्वपूर्ण क्षण है।

 

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • अपनी महत्वाकांक्षी गगनयान परियोजना को साकार करने की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाते हुए, इसरो मिशन के लिए पहली परीक्षण उड़ान आयोजित करने के कगार पर है।
  • परीक्षण उड़ान टीवी-डी1 (टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन1) गगनयान कार्यक्रम के हिस्से के रूप में एक उच्च ऊंचाई वाला एबॉर्ट परीक्षण है।
  • यह परीक्षण गगनयान मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल की तैयारी का मूल्यांकन करेगा और दोहरे निरर्थक एवियोनिक्स सिस्टम सहित प्रौद्योगिकी प्रगति का प्रदर्शन करेगा।
  • इस प्रक्षेपण में मानव यात्री नहीं होंगे।
  • इसरो प्रमुख सोमनाथ के अनुसार पहली परीक्षण उड़ान के बाद तीन और परीक्षण मिशनों, डी2, डी3, डी4 की योजना बनाई गई  है।

टीवी-डी1 मिशन के बारे में:

  • टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) गगनयान मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल की तैयारी का मूल्यांकन करेगा।
  • यह एक एकल चरण वाला तरल रॉकेट है जिसे विशेष रूप से इस निरस्त मिशन के लिए विकसित किया गया है।
  • पेलोड में क्रू मॉड्यूल (सीएम) और क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) के साथ उनके तेजी से काम करने वाले ठोस मोटर, सीएम फेयरिंग (सीएमएफ) और इंटरफ़ेस एडेप्टर शामिल हैं।
  • यह उड़ान गगनयान मिशन में आई 1.2 की मैक संख्या के अनुरूप आरोहण प्रक्षेपवक्र के दौरान निरस्त स्थिति का अनुकरण करेगी।
  • एबॉर्ट और क्रू एस्केप सिस्टम लड़ाकू विमानों में पाई जाने वाली इजेक्शन सीट के समान सिद्धांत पर काम करता है, जिसका प्राथमिक लक्ष्य उड़ान में विसंगतियों की स्थिति में चालक दल के सदस्यों के जीवन की सुरक्षा करना है।
  • क्रू एस्केप सिस्टम को विभिन्न ऊंचाइयों पर स्वचालित रूप से कार्य करने के लिए विकसित किया गया है।
  • यह परीक्षण उड़ान आरोहण प्रक्षेपवक्र के दौरान एक निरस्त स्थिति का अनुकरण करेगी।

मिशन का उद्देश्य:

  • परीक्षण वाहन उप प्रणालियों का उड़ान प्रदर्शन और मूल्यांकन।
  • विभिन्न पृथक्करण प्रणालियों सहित क्रू एस्केप सिस्टम का उड़ान प्रदर्शन और मूल्यांकन।
  • उच्च ऊंचाई पर क्रू मॉड्यूल विशेषताओं और मंदी प्रणालियों का प्रदर्शन और इसकी पुनर्प्राप्ति।

गगनयान का पहला उड़ान परीक्षण वाहन के बारे में:

  • परीक्षण व्हीकल एबॉर्ट मिशन (टीवी-डी 1 ) क्रू एस्केप सिस्टम और क्रू मॉड्यूल को 17 किमी की ऊंचाई पर लॉन्च करेगा।
  • इस परीक्षण उड़ान के पेलोड में क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम शामिल हैं, दोनों तेजी से काम करने वाले ठोस मोटरों से सुसज्जित हैं।
  • परीक्षण के दौरान माड्यूल को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा,इसके साथ इसे पृथ्वी पर वापस लाकर बंगाल की खाड़ी में उतारा जाएगा।
  • यह वाहन 34.9 मीटर लंबा है और इसका भार 44 टन है।

क्रू मॉड्यूल (सीएम) के बारे में:

  • गगनयान मिशन के मूल में क्रू मॉड्यूल (सीएम) है, जो एक महत्वपूर्ण घटक है जहां अंतरिक्ष यात्रियों को दबाव वाले पृथ्वी जैसे वातावरण में रखा जाएगा।
  • क्रू मॉड्यूल उस हिस्‍से को कहते हैं जिसके अंदर एस्‍ट्रोनॉट बैठकर धरती के चारों तरफ 400 किलोमीटर की ऊंचाई वाली निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे।
  • ये एक केबिन की तरह है, जिसमें एस्‍ट्रोनॉट्स के लिए कई तरह की सुविधाएं भी शामिल हैं।
  • क्रू मॉड्यूल में नेविगेशन सिस्टम, फूड हीटर, फूड स्टोरेज, हेल्थ सिस्टम और टॉयलेट आदि सबकुछ होगा।
  • इसके अंदर का हिस्‍सा उच्च और निम्न तापमान को बर्दाश्त करेगा,साथ ही अंतरिक्ष के रेडिएशन से एस्‍ट्रोनॉट्स को बचाएगा।
  • कक्षा में रहते हुए सीएम को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए एसएम का उपयोग किया जाएगा। यह एक बिना दबाव वाली संरचना है जिसमें थर्मल सिस्टम, प्रोपल्शन सिस्टम, पावर सिस्टम, एवियोनिक्स सिस्टम और तैनाती तंत्र शामिल हैं।

गगनयान मिशन के बारे में:

  • गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन स्‍पेस मिशन है जो तीन दिन का होगा।
  • इसमें 3 सदस्यों के दल को 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा।
  • इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा, अगर ये मिशन सफल होता है तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
  • अगर गगनयान मिशन TV-D1 सफल होता है तो अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया जा सकता है।
  • अनमैन्‍ड मिशन में ह्यूमेनॉयड रोबोट यानी बिल्‍कुल इंसानी शक्‍ल के रोबोट व्योममित्र को भेजा जाएगा।
  • अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे।
  • भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' को 2024 में लॉन्च किए जाने की योजना है।

Source:News on air