03.12.2025
जल जीवन मिशन (जेजेएम)
प्रसंग
जल जीवन मिशन (JJM) कितना काम कर रहा है, इसकी हाल ही में संसद में जांच हुई। सरकार ने इसे लागू करने में बड़ी दिक्कतों को माना, और बताया कि इस स्कीम के तहत काम की खराब क्वालिटी से जुड़ी 84% शिकायतें उत्तर प्रदेश से आईं।
योजना के बारे में
लॉन्च: 2019 में लॉन्च किया गया , यह मिशन जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित एक प्रमुख केंद्र प्रायोजित योजना है ।
उद्देश्य:
- 'हर घर नल से जल': इसका मुख्य लक्ष्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पीने का पानी उपलब्ध कराना है।
- हेल्थ पर फोकस: साफ़ पानी की पहुँच पक्का करके, इस मिशन का मकसद डायरिया, हैज़ा और हेपेटाइटिस जैसी पानी से होने वाली आम बीमारियों से लड़ना है।
विशिष्ट लक्ष्य:
- सर्विस लेवल: मिशन के तहत हर व्यक्ति को हर दिन 55 लीटर पानी की सप्लाई ज़रूरी है ।
- टाइमलाइन: शुरू में इसे पूरा करने की डेडलाइन 2024 थी। लेकिन, कई देरी की वजह से, अब टारगेट को बदलकर 2028 कर दिया गया है ।
प्रमुख विशेषताऐं
कार्यान्वयन रणनीति (टीएपी):
- T (टारगेट): हर ग्रामीण परिवार को कवर करना।
- A (एरिया प्रायोरिटी): सूखा प्रभावित इलाकों, रेगिस्तानी इलाकों, सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) गांवों और एस्पिरेशनल जिलों पर खास ध्यान।
- P (प्रदान करें): सिर्फ़ इंफ्रास्ट्रक्चर के बजाय काम करने वाले घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) पक्का करना।
कम्युनिटी पार्टिसिपेशन (महिलाओं की भूमिका): यह मिशन कम्युनिटी के नेतृत्व में पानी के मैनेजमेंट पर ज़ोर देता है, जिसमें महिलाओं को सबसे आगे रखा जाता है:
- शासन: ग्राम जल और स्वच्छता समितियों (VWSC) या पानी समितियों की स्थापना ।
- रिप्रेजेंटेशन: इन कमेटियों में महिलाओं और कमजोर तबके के लोगों के लिए 50% रिप्रेजेंटेशन ज़रूरी है।
- ज़िम्मेदारियां: महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट (FTKs) का इस्तेमाल करके पानी की क्वालिटी टेस्ट करने और छोटे-मोटे मेंटेनेंस और रिपेयर की देखरेख करने की ट्रेनिंग दी जाती है।
कार्यान्वयन चुनौतियाँ
इंफ्रास्ट्रक्चर बनाम सप्लाई:
- "कागज़ी" योजनाएँ: आलोचकों ने ऐसे मामलों को हाईलाइट किया है जहाँ योजनाओं को कागज़ पर पूरा बता दिया जाता है, या जहाँ पाइपलाइन और टैंक बिना पानी के सोर्स के लगाए जाते हैं।
- क्वालिटी कंट्रोल: कुछ खास इलाकों से शिकायतों की ज़्यादा संख्या कंस्ट्रक्शन की क्वालिटी और मॉनिटरिंग में कमी की ओर इशारा करती है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य निहितार्थ:
- इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी के बावजूद, खराब पानी की सप्लाई एक चुनौती बनी हुई है। हाल ही में पीलिया और हेपेटाइटिस के मामले (जैसे, भोपाल में) खराब पानी की क्वालिटी से जुड़े लगातार खतरों को दिखाते हैं।
निष्कर्ष
जल जीवन मिशन ग्रामीण विकास और पब्लिक हेल्थ की दिशा में एक बड़ा कदम है। हालांकि, "इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने" और "सर्विस डिलीवरी" के बीच का अंतर एक बड़ी रुकावट बना हुआ है। बदली हुई 2028 की डेडलाइन को पूरा करने के लिए, सिर्फ़ पाइपलाइन लगाने के बजाय, टिकाऊ, अच्छी क्वालिटी की पानी की सप्लाई और मज़बूत कम्युनिटी मैनेजमेंट पर ध्यान देना होगा।