वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2023: भारत का 111वां स्थान

वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2023: भारत का 111वां स्थान

प्रारंभिक परीक्षाओं हेतु महत्वपूर्ण:

राष्ट्रीय पोषण मिशन (पोषण 2.0, पोषण माह), FASSAI, ईट राइट इंडिया मूवमेंट

मुख्य परीक्षाओं हेतु महत्वपूर्ण:

जीएस-3: भारत में कुपोषण की स्थिति और भारत सरकार की प्रमुख पहलें

13 अक्टूबर, 2023

चर्चा में क्यों:

  • हाल ही में जारी वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2023 में भारत को 111वां स्थान मिला है।
  • ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट आयरलैंड के कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern Worldwide) और जर्मन के वेल्थुंगरहिल्फे संगठन (Welthungerhilfe organization) द्वारा प्रति वर्ष जारी की जाती है।
  • 2022 के सूचकांक के मुकाबले, भारत इस सूचकांक में चार स्थान नीचे पहुँच गया है।

वैश्विक भूखमरी सूचकांक

परिचय:

  • ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने का एक उपकरण है।
  • ग्लोबल हंगर इंडेक्स का लक्ष्य विश्व, क्षेत्रीय और देश स्तर पर भूख को ट्रैक करना है।

वैश्विक भुखमरी सूचकांक का आधार

  • गौरतलब है कि, वैश्विक भुखमरी सूचकांक (GHI) के तहत दुनिया भर में ‘भूख और भुखमरी’ की गणना चार संकेतकों के आधार पर की जाती है, जिनमें ‘अल्पपोषण’, ‘चाइल्ड वेस्टिंग’, ‘चाइल्ड स्टंटिंग’ और ‘बाल मृत्यु दर’ शामिल है।
  • यह सूचकांक 100 की स्केल पर भुखमरी की गंभीरता का आँकलन करता है, जिसमें 0 को सबसे अच्छा स्कोर माना जाता है, जिसका मतलब होता है ‘भूख या भुखमरी जैसी कोई स्थिति ना होना’, वहीं 100 को सबसे खराब स्कोर माना जाता है।
  • अल्पपोषण/कुपोषण : बच्चों में कुपोषण की श्रेणी में वे बच्चे आते हैं जिनका वजन पर्याप्त रूप से बढ़ नहीं पाटा या अपर्याप्त भोजन, अथवा डायरिया और श्वास जैसी बीमारियों के कारण उनका वजन कम हो जाता है।
  • बच्चों का बौनापन: पांच साल से कम उम्र के उन बच्चों का हिस्सा जिनकी लंबाई उनकी उम्र के हिसाब से कम है।
  • चाइल्ड वेस्टिंग: पांच साल से कम उम्र के उन बच्चों का हिस्सा, जिनका वजन उनकी ऊंचाई के हिसाब से कम होता है।
  • बाल मृत्यु दर: बाल मृत्यु दर से तात्पर्य 5 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे की असामयिक मृत्यु से है।

GHI 2023 रैंकिंग में भारत की स्थिति:

  • जीएचआई 2023 रैंकिंग में भारत 125 देशों में से 111वें स्थान पर है।
  • 28 .7 अंक के साथ, भारत में भूखमरी की स्थिति गंभीर है।
  • भारत 2022 की अपनी 107वीं रैंक से 4 पायदान नीचे पहुँच गया है।
  • रिपोर्ट में भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 प्रतिशत बताई गई है। साथ ही देश में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत आँकी गई है।
  • भारत में 15 से 24 साल की उम्र वाली महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता दर लगभग 58.1 प्रतिशत बताई गई है।

अन्य देशों की स्थिति:

  • वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2023 में भारत से बेहतर स्थिति इसके पड़ोसी देशों की है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2023 में पाकिस्तान को 102वां, बांग्लादेश को 81वां, नेपाल को 69वां और श्रीलंका को 60वां स्थान मिला है।
  • वैसे दक्षिण एशिया, अफ्रीका के सहारा क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में भुखमरी की स्थिति सबसे भयावह बताई गई है, यहाँ GHI स्कोर 27 रहा, जो ‘भुखमरी की गंभीर’ स्थिति को दर्शाता है। वहीं बेलारूस, बोस्निया और हर्जेगोविना, चिली और चीन जैसे देशों में स्थिति को बेहतर बताया गया है।

GHI 2023 रैंकिंग पर भारत की प्रतिक्रिया:

  • जीएचआई रैंकिंग (2023) पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि यह सूचकांक गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों से ग्रसित है। सूचकांक की गणना के लिए प्रयोग किए गए चार में से तीन संकेतकों का प्रयोग बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी सूचकांक के लिए होता है और यह पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते है। चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक 'कुपोषित जनसंख्या का अनुपात' महज तीन हजार लोगों पर किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है।
  • सूचकांक में भारत के स्थान को लेकर केंद्र सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे भूख का त्रुटिपूर्ण माप बताया है। यह रिपोर्ट आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को जानबूझकर नजरअंदाज करती है।

भुखमरी पर नियंत्रण हेतु भारत सरकार के प्रयास

  • भारतीय खाद्य संरक्षा एवं संरक्षा प्राधिकरण(FASSAI): ईट राइट इंडिया आंदोलन
  • ईट राइट इंडिया' मूवमेंट (‘Eat Right India’ Movement) सुरक्षित, स्वस्थ एवं टिकाऊ खान-पान संस्कृति को बढ़ावा देता है।
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पोषण अभियान लांच किया गया जिसे राष्ट्रीय पोषण मिशन के नाम से भी जाना जाता है।
  • पोषण माह: सितंबर 2023 में छठा राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य “सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत” (पोषण-समृद्ध भारत, शिक्षित भारत, सशक्त भारत) पर केंद्रित थीम के माध्यम से पूरे भारत में पोषण संबंधी समझ को बढ़ावा देना है।
  • प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना: यह भारत सरकार का एक प्रमुख मातृत्व लाभ कार्यक्रम है। गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने लिए सीधे उनके बैंक खाते में नकद लाभ प्रदान किया जाता है।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 2013: इस अधिनियम के अंतर्गत देश की लगभग दो-तिहाई आबादी को भारी सब्सिडी वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में यह अधिनियम भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है।

निष्कर्ष:

  • वैश्विक भुखमरी सूचकांक से संकेत मिलता है कि 2015 तक वैश्विक भुखमरी में सुधार होने बाद मोटे तौर पर स्थिरता की स्थिति बनी हुई है।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

भारत में कुपोषण की स्थिति से निपटने हेतु सरकार की प्रमुख पहलों की समीक्षा कीजिए