वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व

 

 

मध्य प्रदेश का 7 वां टाइगर रिजर्व बना

वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व

यह टॉपिक आईएएस एवं पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के करेंट अफेयर टाइगर रिजर्व

और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 जैव विविधता संरक्षण से संबंधित है

25 सितंबर,2023

चर्चा में:

  • हाल ही में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने मध्य प्रदेश के नौरादेही और वीरांगना दुर्गावती संरक्षित क्षेत्र को देश का नया टाइगर रिजर्व घोषित किया है।
  • इस नए टाइगर रिजर्व को वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व नाम दिया गया है।
  • यह मध्य प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व है। जबकि यह देश का 55 वां टाइगर रिजर्व है ।

वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के बारे में:

प्रमुख बिंदु

  • यह टाइगर रिजर्व सागर जिले के नौरादेही अभयारण्य और मध्यप्रदेश के सबसे छोटे वीरांगना रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर बनाया गया है।
  • इस टाइगर रिजर्व में सागर, दमोह, नरसिंहपुर जिले का लगभग 1,41,400 हेक्टेयर वन क्षेत्र शामिल किया गया है।
  • इस क्षेत्र का 1, 414 वर्ग किलोमीटर को कोर जोन में और 925.12 वर्ग किलोमीटर को बफर जोन में शामिल किया गया है
  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान ने वैज्ञानिक अध्ययन के बाद नौरादेही अभयारण्य को भविष्य में बाघों के संरक्षण के लिए उपयुक्त क्षेत्र माना है।
  • वन विभाग के अनुसार, नौरादेही अभयारण्य की स्‍थापना 1975 में की गई थी। यह लगभग 1200 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है।
  • इसमें बड़ी संख्या में वन्यजीव हैं, जिनमें तेंदुआ मुख्य रूप से पाए जाते हैं। पिछले कुछ दशकों से संरक्षण के अभाव में इस क्षेत्र से कई बाघ लुप्त हो चुके हैं।
  • पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थिकी तंत्र की सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में नौरादेही अभयारण्य में नए बाघ और बाघिन को छोड़ा गया था। वर्तमान में नौरादेही अभयारण्य में 12 बाघ हैं।
  • इसके अलावा चिंकारा, हिरण, नीलगाय, सियार, भेड़िया, लकड़बग्घा, जंगली कुत्ता, रीछ, मगर, सांभर, मोर, चीतल समेत कई अन्य वन्य जीव इस क्षेत्र में पाए जाते हैं।
  • चीता एक्शन प्लान के अंतर्गत, भविष्य में बाघों के अति संवेदनशील क्षेत्र के तौर पर, केंद्र सरकार द्वारा नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश: एक बाघ स्टेट

  • वर्ष 2022 की पशुगणना के अनुसार, मध्य प्रदेश, भारत का एक बाघ स्टेट राज्य है।
  • जुलाई, 2023 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी रिपोर्ट ‘स्टेटस आफ टाइगर्स: को-प्रीडेटर्स एंड प्रे इन इंडिया-2022 के अनुसार, देश में बाघों की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश है
  • वर्तमान में इस राज्य में बाघों की संख्या 785 है जो 2018 में 526 थी। इसके बाद कर्नाटक और उत्तराखंड में बाघों की संख्या क्रमशः 563 और 560 है
  • वर्तमान में, मध्य प्रदेश में देश में सर्वाधिक सात बाघ अभयारण्यों वाला प्रदेश बन चुका है
  • इन बाघ अभयारण्यों में शामिल है: कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना, संजय-डुबरी और वीरांगना दुर्गावती

बाघ संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • अगस्त, 2023 में धौलपुर - करौली बाघ अभयारण्य बाघों को देश का 54वां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।
  • भारत में 53वां टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश का रानीपुर है।
  • नागार्जुन सागर (आंध्र प्रदेश) सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है जबकि ओरंग (असम) सबसे छोटा (कोर क्षेत्र) है।
  • वर्ष 1973 में प्रोज़ेक्ट टाइगर की शुरुआत के समय देश में मात्र 9 टाइगर रिज़र्व थे, वर्तमान में देश में कुल टाइगर रिज़र्वों (Tiger Reserve) की संख्या बढ़कर 55 हो गई है।
  • बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जैगुआर और प्यूमा नामक सात बड़ी बिल्लियों के संरक्षण के लिए भारत द्वारा इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (IBCA) शुरू किया गया था।
  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) 2006 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत गठित किया गया था।
  • मध्य भारतीय उच्च भूमि और पूर्वी घाट में बाघों की सबसे बड़ी आबादी पाई जाती है
  • IUCN रेड लिस्ट में बाघ को 'संकटग्रस्त' की सूची में रखा गया है।
  • चूँकि एक पारिस्थितिकी तंत्र की संपूर्ण खाद्य श्रृंखला शीर्ष स्तर के जीवों पर निर्भर करती है। इसलिए पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए बाघों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

मुख्य परीक्षा प्रश्न:

भारत में बाघ संरक्षण क्यों आवश्यक है? बाघों के पारिस्थितिकी महत्त्व की व्याख्या कीजिए।