स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus)

क्या है?

स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus)

यह टॉपिक आईएएस/पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के करेंट अफेयर और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 के जीवाणु जनित बीमारियों से संबंधित है।

19 सितंबर, 2023

चर्चा में:

  • हाल ही में देश के ओडिशा और हिमाचल प्रदेश राज्य में कई मरीजों में चिकित्सा जांच के दौरान स्क्रब टाइफस संक्रमण की पुष्टि हुई है।
  • स्क्रब टाइफस संक्रमण से ओडिशा राज्य में पांच से अधिक मौतें हुई हैं  
  • और हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस के 973 मामले सामने आए हैं, जिनमें 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) के बारे में:

  • यह एक जीवाणु जनित(Bacteria) बीमारी है, जो पिस्सु के काटने से फैलती है। यानी यह बीमारी   खेतों, झाड़ियों में रहने वाले चूहों में पाया जाने वाला चिगर्स कीट के काटने से लोगों में फैलती है।
  • चिगर्स कीट के माध्यम से ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी (Orientia Tsutsugamushi) बैक्टीरिया के कारण लोगों में इसका संक्रमण तेजी से फैलता है।
  • स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) को बुश टाइफस, जंगल टाइफस या माइट टाइफस भी कहा जाता है।

प्रभाव:

  • स्क्रब टाइफस से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। लेकिन, खेतों में पाए जाने वाले इस कीट के कारण अधिकतर झाड़ियों और खेतों में काम करने वाले किसानों और बागवानों में इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।
  • स्क्रब टायफस संक्रमण का अधिक प्रभाव जुलाई से अक्टूबर तक होने की प्रबल संभावना रहती  है।
  • इस मौसम में अधिकतर लोग खेतों और बगीचों में घास काटते हैं। और उन्हें पिस्सू द्वारा काटने से इस बीमारी की संभावना बढ़ जाती है।
  • ये एक बैक्टीरिया से होने वाला इंफेक्शन है जो चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से फैलता है।
  • स्क्रब टाइफस के संक्रमण के ज्यादातर मामले चीन, भारत, जापान, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, साउथ ईस्ट एशिया में देखने को मिलते हैं।

स्क्रब टाइफस के लक्षण:

  • इस जीवाणुजन्य रोग के लक्षण पिस्सू के काटने के 10 दिन बाद दिखाई देने लगते हैं।
  • स्क्रब टाइफस वाले मरीज को 104 से 105 डिग्री तक बुखार होता है।
  • इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
  • संक्रमित व्यक्ति बुखार के साथ-साथ ठंड और कंपन महसूस करता है।
  • इसके साथ ही सिर दर्द और बदन दर्द के साथ मांसपेशियों में भी तेज दर्द होता है।
  • अधिक संक्रमण होने पर हाथ, पैर और गर्दन के साथ-साथ कूल्हों के नीचे भी गांठें दिखाई देने लगती हैं।
  • इसके साथ ही संक्रमण के बाद सोचने-समझने की क्षमता में भी तेजी से बदलाव आता है।

बचाव के उपाय:

  • इस बीमारी के लिए उपचार उपलब्ध है और इसके अविलंब उपचार से रोगी को बचाया जा सकता है।
  • लगातार बुखार वाले मरीजों को स्क्रब टाइफस के लिए एलिसा परीक्षण कराना चाहिए, जो जिला मुख्यालय अस्पतालों में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं में उपलब्ध है।
  • स्क्रब टाइफस से बचने के लिए घर के आसपास घास या झाड़ियां न उगने दें।
  • समय-समय पर सफाई करते रहें।
  • शरीर को स्वच्छ रखें और हमेशा साफ कपड़े पहनें।
  • आसपास पानी का जमाव न होने दें।
  • घर के अंदर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करते रहें।
  • खेत में काम करते समय अपने हाथ पैरों को अच्छे से ढक कर रखें।
  • समय पर चिकित्सक को दिखाने पर इसका आसानी से इलाज संभव है।
  • जोड़ों में दर्द, गर्दन, बाजुओं के निचले भाग और कुल्हों में गिल्टियां होना इसके लक्षण होते हैं।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) क्या है? इसके प्रमुख लक्षणों एवं उपचार पर प्रकाश डालिए।