लैंगिक असमानता सूचकांक 2022

लैंगिक असमानता सूचकांक 2022

GS-3: मानव विकास रिपोर्ट

(यूपीएससी/राज्य पीएससी)

प्रिलिम्स के लिए महत्वपूर्ण:

मानव विकास सूचकांक-2022, लैंगिक असमानता सूचकांक (GII), सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020, मिशन शक्ति , बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, महिला आरक्षण अधिनियम, 2023।

मेन्स के लिए महत्वपूर्ण:

लैंगिक असमानता सूचकांक (GII) 2022- प्रमुख तथ्य, भारत का प्रदर्शन, लैंगिक असमानता में सुधार हेतु भारत सरकार की प्रमुख पहल, निष्कर्ष।

19/03/2024

न्यूज़ में क्यों:

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने मानव विकास रिपोर्ट 2023-2024 जारी की जिसमें स्त्री-पुरूष असमानता सूचकांक 2022 को दर्शाया गया है।

  • यह मानव विकास रिपोर्ट (HDR) 'ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: रीइमेजिंग कोऑपरेशन इन ए पॉलराइज्ड वर्ल्ड' शीर्षक के साथ प्रकाशित की गयी है।
  • इसमें प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय, शिक्षा, और जीवन प्रत्याशा के आधार पर देशों का विश्लेषण किया गया है।
  • मानव विकास सूचकांक, 2021-22 की थीम: ‘‘अनिश्चित समय, अनसुलझा जीवन: परिवर्तन में एक दुनिया में हमारे भविष्य को आकार देन’' (Uncertain Times, Unsettled Lives: Shaping our Future in a World in Transformation)।

रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख तथ्य:

  • स्त्री-पुरूष असमानता सूचकांक (GII) 2022 में भारत का स्कोर 0.437 है और 193 देशों में से भारत 108वें स्थान पर है।
  • लैंगिक असमानता सूचकांक 2021 में भारत का स्कोर 0.490 था और तब वह 191 देशों में से 122वें स्थान पर था।
  • इस सूचकांक में 2021 की तुलना में 2022 में 14 रैंक का महत्वपूर्ण सुधार आया है।
  • 2022 में भारत की किशोर जन्म दर 16.3 (15-19 आयु वर्ग की प्रति 1,000 महिलाओं पर जन्म) थी, जो 2021 में 17.1 से सुधार है।
  • हालाँकि, देश में अभी भी श्रम बल भागीदारी दर में सबसे बड़ा लिंग अंतर है - महिलाओं (28.3%) और पुरुषों (76.1%) के बीच 47.8% का अंतर।
  • इस लैंगिक असमानता सूचकांक, 2022 में डेनमार्क शीर्ष पर है, उसके बाद नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और स्वीडन हैं।

भारत का प्रगतिशील सुधार:

  • पिछले 10 वर्षों में, जीआईआई में भारत की रैंक लगातार बेहतर हुई है, जो देश में स्त्री-पुरूष समानता हासिल करने में प्रगतिशील सुधार का संकेत देती है। वर्ष 2014 में यह रैंक 127 थी, जो अब 108 हो गयी है।

जीवन प्रत्याशा:

  • वर्ष 2022 में जीवन प्रत्याशा 67.7 वर्ष दर्ज की गयी।
  • वर्ष 2021 में जन्म के समय भारत की जीवन प्रत्याशा 67.2 वर्ष दर्ज की गई थी।

स्कूली शिक्षा:

  • वर्ष 2022 में स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 12.6 तक पहुंच गए, जबकि स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष बढ़कर 6.57 हो गए।
  • वर्ष 2021 में स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष और स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 6.7 वर्ष दर्ज किए गए थे।

सकल राष्ट्रीय आय:

  • वर्ष 2022 में प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,951 अमेरिकी डॉलर हो गई।
  • भारतीय करेंसी में यह राशि लगभग 5.75 लाख रुपये होती है।
  • वर्ष 2021 में प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,590 अमेरिकी डॉलर थी।

लैंगिक असमानता सूचकांक के बारे में:

  • जीआईआई तीन आयामों का उपयोग करके लैंगिक असमानता का एक समग्र मापदंड है: प्रजनन स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और श्रम बाज़ार।
  • कम GII मान महिलाओं और पुरुषों के बीच कम असमानता को इंगित करता है, और इसके विपरीत।

लैंगिक असमानता में सुधार हेतु भारत सरकार की प्रमुख पहल:

सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020:

  • विभिन्न पहलुओं में महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रावधान।

मिशन शक्ति:

  • वर्ष 2022 में, एकीकृत महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत 'मिशन शक्ति' योजना को शुरू किया गया था।
  • यह योजना संपूर्ण जीवन चक्र में महिलाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार करने और उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए उन्हें नागरिक-स्वामित्व के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण में समान भागीदार बनने का अवसर प्रदान करती है।
  • उद्देश्य:
  • महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए समर्थन को मजबूत बनाना है।
  • विभिन्न सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों (WSHG) को बढ़ावा देना ।

 बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP):

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत प्रधान मंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी।
  • इस योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना:

  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत सरकार द्वारा संचालित एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम है। यह 19 वर्ष या उससे अधिक उम्र की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पहले जीवित जन्म के लिए एक सशर्त नकद हस्तांतरण योजना है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना:

  • खाना पकाने के लिये लकड़ी, कोयला, गोबर के उपले आदि ईंधनों का उपयोग करने वाले ग्रामीण और वंचित परिवारों को LPG जैसे स्वच्छ इंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक प्रमुख योजना के रूप में 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' की शुरुआत की।

महिला आरक्षण अधिनियम, 2023:

  • संविधान (106वाँ संशोधन) अधिनियम, 2023, विधेयक लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करता है।
  • यह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा।

निष्कर्ष:

महिला सशक्तीकरण की दिशा में भारत सरकार के प्रयास सार्थक हैं। भविष्य में लैंगिक असमानता शीघ्रता से समाप्त करने के लिए एक उचित प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है।

स्रोत: AIR

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मुख्य परीक्षा प्रश्न:

लैंगिक असमानता सूचकांक 2022 की समीक्षा कीजिए।