इजराइल का मिसाइल रक्षा कवच: आयरन डोम

 

इजराइल का मिसाइल रक्षा कवच:

आयरन डोम

प्रांभिक परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण

एंटी मिसाइल सिस्टम आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम, तामिर (Tamir) इंटरसेप्टर मिसाइल

मुख्य परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण

जीएस-3: इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली और भारत-इजराइल के रक्षा संबंध।

16 अक्टूबर, 2023

चर्चा में क्यों:

  • हाल ही में, इजरायल पर फिलिस्तीनी आतंकवादी हमास द्वारा हमला किया गया इसके जवाब और बचाव में, इजराइल ने एंटी मिसाइल सिस्टम आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम (Anti missile Iron Dome Air Defence System) का इस्तेमाल किया।
  • इज़राइल रक्षा बल के अनुसार, 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी और मध्य इज़राइल की ओर लगभग 2,200 रॉकेट दागे गए। उनमें से कई को आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम (Iron Dome Air Defence System) द्वारा मार गिराया गया।

आयरन डोम:

परिचय:

  • आयरन डोम छोटी दूरी का ज़मीन से हवा में मार करने वाला एक एयर डिफेंस सिस्टम है।
  • आयरन डोम एक बहुस्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली के रूप में काम करता है, जिसमें पता लगाने और ट्रैकिंग रडार, एक युद्ध प्रबंधन और हथियार नियंत्रण प्रणाली और तामिर (Tamir) इंटरसेप्टर मिसाइलें शामिल हैं।
  • इसका प्राथमिक मिशन आने वाले रॉकेटों का पता लगाना, उनके प्रक्षेप पथ का आकलन करना और, यदि आबादी वाले क्षेत्रों के लिए खतरा समझा जाता है, तो उन्हें मध्य हवा में रोकना और नष्ट करना है।
  • आयरन डोम का मुख्य उद्देश्य नागरिक जीवन और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा करना है।
  • इसका उपयोग रॉकेट, तोप और मोर्टार के साथ-साथ विमान, हेलीकॉप्टर तथा मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) का प्रतिरोध करने के लिये किया जाता है।
  • यह दिन और रात सहित सभी मौसमों में कार्य करने में सक्षम है।
  • इसे पहली बार 2011 में उपयोग में लाया गया था। यह सिस्टम 2.5 मील से 43 मील दूर तक की मिसाइलों को रोकने में सक्षम है।
  • इसे राज्य द्वारा संचालित राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम (Rafael Advanced Defense System) और इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (Israel Aerospace Industries) द्वारा विकसित किया गया है।
  • राफेल इसकी सफलता दर 90% से अधिक का दावा करती है, जिसमें 2,000 से अधिक अवरोधन (Interception) हैं। हालाँकि विशेषज्ञ इसकी सफलता दर 80% से अधिक मानते हैं।
  • यह तैनात और युद्धाभ्यासरत बलों, फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (Forward Operating Base) तथा शहरी क्षेत्र को अप्रत्यक्ष एवं हवाई खतरों से बचा सकता है।
  • आयरन डोम में तीन मुख्य प्रणालियाँ होती हैं, जो अपनी तैनाती क्षेत्र को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए एक साथ कार्य करती हैं।
  • रडार: इसमें किसी भी खतरे का पता लगाने के लिये एक डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार है।
  • हथियार नियंत्रण: इसमें युद्ध प्रबंधन और हथियार नियंत्रण प्रणाली (BMC) है।
  • मिसाइल फायर: इसमें मिसाइल फायरिंग यूनिट भी है। बीएमसी मूल रूप से रडार और इंटरसेप्टर मिसाइल के बीच संपर्क स्थापित करता है।

इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली: 

  • वर्तमान में इजराइल के पास चार-स्तरीय वायु रक्षा नेटवर्क है जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्टाइल शामिल हैं:
  • कम दूरी के मोर्टार, रॉकेट और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें।
  • छोटी दूरी के आयरन डोम,
  • डेविड्स स्लिंग (निचली से मध्य दूरी),
  • एरो II (ऊपरी-वायुमंडलीय), और एरो III (बाहरी-वायुमंडलीय)।

आयरन डोम का निर्माण:

  • मार्च 2014 में, इज़राइल और अमेरिका के बीच 'रेथियॉन राफेल  एरिया डिफेंस सिस्टम' के तहत  आयरन डोम के निर्माण हेतु एक समझौता हुआ था।
  • वर्ष 2020 से, आयरन डोम के विभिन्न घटकों का निर्माण अमेरिका के टक्सन, एरिज़ोना और अन्य जगहों पर रेथियॉन की सुविधा में किया जाता है।
  • आयरन डोम के अमेरिकी संस्करण को स्काईहंटर कहा जाता है।
  • आयरन डोम सिस्टम इज़राइल में असेंबल किया जाता है। इज़राइल, तामीर इंटरसेप्टर का निर्माण भी करता है।

भारत-इजराइल रक्षा तकनीकी संबंध:

  • वर्तमान में भारतीय सैन्य पारिस्थितिकी तंत्र, विशेषकर वायु रक्षा में इज़राइल की व्यापक उपस्थिति है।
  • अतीत में, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से, विशेष रूप से आतंकवादी समूहों द्वारा, खतरों से निपटने के लिए आयरन डोम को भारत में तैनात किया गया था। हालाँकि, इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ क्योंकि भारतीय ऐसे अत्यधिक नज़दीकी खतरों का सामना नहीं करते हैं। इसके बजाय, भारतीय सेना ने इजराइल के एरो डिफेंस सिस्टम में रुचि व्यक्त की थी।
  • अंततः, भारत ने अपनी स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए कुछ वायु रक्षा उपकरणों और रडारों की खरीद की।

निष्कर्ष:

  • पिछले कुछ वर्षों में, आयरन डोम ने वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों में अपनी प्रभावशीलता साबित की है। गाजा में हमास जैसे पड़ोसी आतंकवादी समूहों के साथ संघर्ष के दौरान, सिस्टम ने बड़ी संख्या में आने वाले रॉकेटों को रोका है, इससे बड़े पैमाने पर हताहतों और क्षति को रोकने में मदद मिली है। आने वाले वर्षों में युद्ध की विभीषिका पर नियंत्रण पाने और देश की संप्रभुता को बनाए रखने हेतु भारत को अपनी वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली और भारत-इजराइल के रक्षा संबंधों पर चर्चा कीजिए