ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम (GCP)

ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम (GCP)

जीएस-2,3: सरकारी नीतियां एवं हस्तक्षेप; नवीकरणीय ऊर्जा

(IAS/UPPCS)

प्रीलिम्स के लिए प्रासंगिक:

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम(GCP), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC), भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRE), पर्यावरण के लिए जीवन शैली या 'LiFE' आंदोलन, COP 28,  COP 26।

मेंस के लिए प्रासंगिक:

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (GCP) के बारे में, महत्व, चुनौतियां, आगे की राह।

19/04/2024

स्रोत: TH

न्यूज़ में क्यों:

हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम(GCP) के मानदंडों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।

  • केन्द्र सरकार के हालिया आंकड़ों के मुताबिक़, ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के जरिए वृक्षारोपण को लागू करने में मध्य प्रदेश अग्रणी है। इसके बाद तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात और असम का स्थान है।
  • जीसीपी ने पिछले दो महीनों में 10 राज्यों में 4,980 हेक्टेयर को कवर करते हुए 500 से अधिक भूमि में वृक्षारोपण को मंजूरी दी है।

महत्वपूर्ण बदलाव से संबंधित बिंदु:

  • इस चिंता के बीच कि जीसीपी वित्तीय लाभ के लिए वृक्षारोपण को प्रोत्साहित कर सकती है, सरकार ने स्पष्ट किया है कि केवल वृक्षारोपण के बजाय पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  • स्वदेशी प्रजातियों को प्राथमिकता दी जाएगी और प्राकृतिक रूप से उगने वाले पौधों को बरकरार रखा जाएगा।
  • मंत्रालय ने पहले की आवश्यकता को बदल दिया है कि पुनर्वनीकृत परिदृश्य के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए प्रति हेक्टेयर न्यूनतम 1,100 पेड़ होने चाहिए और उन्हें निर्दिष्ट करने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी गई है।
  • वास्तविक वनीकरण राज्य वन विभागों द्वारा किया जाएगा।

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (GCP) के बारे में:

  • यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) द्वारा शुरू की गई एक अभिनव पहल है।
  • यह कार्यक्रम भारतीय प्रधान मंत्री द्वारा COP 28 (एक्सपो सिटी, दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में 2023 में आयोजित) के अवसर पर लॉन्च किया गया था।
  • यह सरकार के पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFE) आंदोलन के अंतर्गत एक पहल है ।
  • LiFE की अवधारणा, भारतीय प्रधान मंत्री द्वारा 2021 में COP26 (ग्लासगो) में लांच की गयी थी, ताकि पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए " सावधान और जानबूझकर उपयोग " की दिशा में एक अंतरराष्ट्रीय जन आंदोलन चलाया जा सके।
  • लक्ष्य: इसका लक्ष्य व्यक्तियों, शहरी स्थानीय निकायों, समुदायों और निजी क्षेत्र द्वारा 'स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों' को प्रोत्साहित करने के लिए एक बाजार-आधारित तंत्र बनाना है।

क्षेत्रवार इसके प्रमुख उद्देश्य:

वृक्षारोपण-आधारित ग्रीन क्रेडिट:

  • वृक्षारोपण और संबंधित गतिविधियों के माध्यम से देश भर में हरित आवरण बढ़ाने के लिए गतिविधियों को बढ़ावा देना है।

जल-आधारित ग्रीन क्रेडिट:

  • जल संरक्षण, जल संचयन और जल उपयोग दक्षता/बचत को बढ़ावा देने के लिए, जिसमें अपशिष्ट जल का उपचार और पुन: उपयोग शामिल है।

सतत कृषि-आधारित ग्रीन क्रेडिट:

  • उत्पादकता, मिट्टी के स्वास्थ्य और उत्पादित भोजन के पोषण मूल्य में सुधार के लिए प्राकृतिक और पुनर्योजी कृषि पद्धतियों और भूमि बहाली को बढ़ावा देना

अपशिष्ट प्रबंधन-आधारित ग्रीन क्रेडिट:

  • संग्रह, पृथक्करण और उपचार सहित अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्थायी और बेहतर प्रथाओं को बढ़ावा देना

वायु प्रदूषण में कमी-आधारित ग्रीन क्रेडिट:

  • वायु प्रदूषण को कम करने और अन्य प्रदूषण-निवारण गतिविधियों के उपायों को बढ़ावा देना

मैंग्रोव संरक्षण और पुनर्स्थापन-आधारित ग्रीन क्रेडिट:

  • मैंग्रोव के संरक्षण और पुनर्स्थापन के उपायों को बढ़ावा देना

इकोमार्क-आधारित ग्रीन क्रेडिट:

  • निर्माताओं को अपने सामान और सेवाओं के लिए इको-मार्क लेबल प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है

टिकाऊ भवन और बुनियादी ढांचे पर आधारित ग्रीन क्रेडिट:

  • टिकाऊ प्रौद्योगिकियों और सामग्रियों का उपयोग करके इमारतों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण को प्रोत्साहित करना

GCP का कार्यान्वयन:

  • जीसीपी का शासन ढांचा एक अंतर-मंत्रालयी संचालन समिति द्वारा समर्थित है और भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRE) जीसीपी प्रशासक के रूप में कार्य करता है, जो कार्यक्रम कार्यान्वयन, प्रबंधन, निगरानी और संचालन के लिए जिम्मेदार है।
  • एक उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म परियोजनाओं के पंजीकरण, उसके सत्यापन और ग्रीन क्रेडिट जारी करने की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा।
  • विशेषज्ञों के साथ आईसीएफआरई द्वारा विकसित किया जा रहा ग्रीन क्रेडिट रजिस्ट्री और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, पंजीकरण और उसके बाद ग्रीन क्रेडिट की खरीद और बिक्री की सुविधा प्रदान करेगा।
  • ग्रीन क्रेडिट प्राप्त करने के लिए, व्यक्तियों और संस्थाओं को अपनी गतिविधियों को सरकार के पास पंजीकृत करना होगा।
  • प्रशासक छोटी परियोजनाओं के लिए स्व-सत्यापन के साथ, एक निर्दिष्ट एजेंसी के माध्यम से गतिविधि का सत्यापन करेगा।

GCP का प्रभाव:

  • जीसीपी का लक्ष्य बाजार-आधारित तंत्र के माध्यम से पर्यावरणीय सकारात्मक कार्यों को प्रोत्साहित करना और हरित ऋण उत्पन्न करना है, जिसे व्यापार योग्य बनाया जाएगा और घरेलू बाजार मंच पर व्यापार के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
  • इसमें कहा गया है कि यदि हरित क्रेडिट उत्पन्न करने से कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय रूप से कमी आती है या हटाया जाता है, तो इसका उपयोग कार्बन क्रेडिट प्राप्त करने के लिए भी किया जा सकता है।

GCP का महत्व:

  • यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जो हरित परियोजनाओं को कार्बन के आलावा अन्य रिटर्न प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए कई पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को महत्व देने और पुरस्कृत करने का प्रयास करता है।
  • यह योजना, परियोजना समर्थकों को अतिरिक्त रूप से कार्बन बाजारों तक पहुंचने की अनुमति देगी।
  • यह कार्यक्रम निजी क्षेत्र के उद्योगों और कंपनियों के साथ-साथ अन्य संस्थाओं को भी अन्य कानूनी ढाँचे से उत्पन्न अपने मौजूदा दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जो कि ग्रीन क्रेडिट उत्पन्न करने या खरीदने के लिए प्रासंगिक गतिविधियों के साथ जुड़ने में सक्षम हैं।
  • यह कार्यक्रम जैविक कृषि किसानों तथा FPO के लिए बहुत मददगार होंगे।

चुनौतियाँ:

  • इस कार्यक्रम के लक्ष्य एवं उद्देश्य बेहतर प्रकृति के हैं लेकिन इनकी प्राप्ति में इस कार्यक्रम के मानकों का  कार्यान्वयन बेहद चुनौतीपूर्ण है।
  • इसका कारण विभिन्न क्रियाओं के बीच समानता स्थापित करने में कठिनाई है।
  • उदाहरण के लिए, किसी ने कितना पानी बचाया, और इससे कितना उत्सर्जन कम हुआ यह स्थापित करना मुश्किल है।
  • इस कार्यक्रम में निगरानी, रिपोर्टिंग और सत्यापन संबंधी चुनौतियाँ भी विद्यमान हैं।

आगे की राह:

  • इन प्रणालियों की निगरानी और धोखाधड़ी को रोकने के लिए क्षमता निर्मित करने की आवश्यकता है।
  • इससे उन संसाधनों की बचत होगी जिनका उपयोग अधिक परिवर्तनकारी प्रदूषण नियंत्रण और जैव विविधता संरक्षण प्रयासों में किया जा सकता है।
  • इस कार्यक्रम की कार्यप्रणाली, मानक और रणनीतियाँ  बाज़ार की व्यवहार्यता और हरित क्रेडिट की पर्याप्त मांग को पूरा कने वाली होनी चाहिए।
  • ग्रीन क्रेडिट सिस्टम के मूल्यांकन और कार्यान्वयन में विशेष ध्यान वृक्षारोपण और वनीकरण पर दिया जाना चाहिए ताकि जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों को कम किया जा सके।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

‘ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम जीवन शैली (LiFE) आंदोलन के अंतर्गत भारत सरकार की एक विशिष्ट पहल है’। विवेचना कीजिए।