एनईएसडीए वे फॉरवर्ड वार्षिक रिपोर्ट 2023

एनईएसडीए वे फॉरवर्ड वार्षिक रिपोर्ट 2023

GS-2: शासन की नीतियां और हस्तक्षेप

(यूपीएससी/राज्य पीएससी)

प्रीलिम्स के लिए महत्वपूर्ण:

NeSDA वे फॉरवर्ड रिपोर्ट,2023 की प्रमुख विशेताएं, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT), राष्ट्रीय उपग्रह-आधारित कंप्यूटर नेटवर्क(NICNET), राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NEGP), डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC)।

मेंस के लिए महत्वपूर्ण:

NeSDA वे फॉरवर्ड रिपोर्ट,2023 की प्रमुख विशेताएं, ई-सेवाओं के समक्ष चुनौतियां, ई-सेवा के बारे में, ई-सेवा की महत्ता, ई-सेवाओं से संबंधित भारत सरकार की प्रमुख पहलें, आगे की राह।

13 फरवरी, 2024

ख़बरों में क्यों:

हाल ही में, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) ने 2023 के लिए 'वार्षिक NeSDA वे फॉरवर्ड रिपोर्ट' जारी की है।

  • यह रिपोर्ट एनईएसडीए फ्रेमवर्क के तहत अनिवार्य ई-सेवाओं और कुल ई-सेवाओं के तहत वर्ष के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डालती है।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:

  • ई-सेवाएँ: नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य और केंद्रशासित प्रदेश दिसंबर, 2023 में कुल 16,487 ई-सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं, जबकि अप्रैल, 2023 में यह संख्या 11,614 थी।
  • केंद्र शासित प्रदेश “जम्मू और कश्मीर” 1,117 ई-सेवाएँ प्रदान करके अधिकतम ई-सेवाओं वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में शीर्ष पर है।
  • संतृप्ति स्तर: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा संभावित अनिवार्य ई-सेवाओं का 76% संतृप्ति स्तर हासिल कर लिया गया है, जो एनईएसडीए 2021 के तहत 69% से अधिक है।
  • राज्य का प्रदर्शन: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के अलावा केरल, असम और ओडिशा राज्य अपने संबंधित एकीकृत पोर्टल के माध्यम से सौ प्रतिशत ई-सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

ई-सेवा के बारे में:

  • ई-सेवा से अभिप्राय ऐसी सेवा से है जिसमें सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का उपयोग किया जाता है।
  • यह इंटरनेट आधारित ऑनलाइन सेवाएं हैं, जिसमें खरीद और बिक्री का पारदर्शी तौर पर वैध लेनदेन संभव होता है।

ई-सेवा का महत्त्व:

  • ई-सेवाओं का भारत के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यह शासन को बढ़ाता है, आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है और भारत में व्यापार करने में आसानी में सुधार करता है। इसमें निम्नलिखित सेवाएं शामिल होती हैं:
    • डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर: भारत ने पांच वर्षों में अपनी अर्थव्यवस्था को दोगुना कर 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
    • देश ने और अधिक डिजिटल बनने के लिए कई प्रयास किए हैं, और डिजिटल इंडिया मिशन को डिजिटल सुरक्षा और विश्वास पर आधारित बनाने की कल्पना की गई है।
    • ई-कॉमर्स: भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है और इसके 41% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है जो 2020 तक 103 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा।
    • 2015-16 में, ई-कॉमर्स खर्च कुल खुदरा खर्च का 2% था और नए बाजार बनाने के लिए एक प्रमुख चालक बन गया है। 2020 तक सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 4% होने की उम्मीद है।
    • इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग: भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की भारी संख्या (2020 में लगभग 700 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा है और 2025 तक 974 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं तक बढ़ने की उम्मीद है) के कारण ई-बैंकिंग में काफी विकास की संभावना है। बढ़ते स्मार्टफोन और मोबाइल इंटरनेट उपयोगकर्ता।
    • शिक्षा: डिजिटल शिक्षा से छात्रों को पढ़ाने और संलग्न करने में दक्षता आती है। शिक्षा में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना सीखने के बाद शिक्षक अधिक सामाजिक-भावनात्मक लाभ का अनुभव करते हैं और बेहतर सामग्री पहुंच, अधिक प्रभावी पाठ योजना और कक्षा प्रबंधन के माध्यम से अधिक दक्षता की रिपोर्ट करते हैं।

ई-सेवाओं के समक्ष चुनौतियां:

  • ई-कचरा संबंधी चुनौतियां: आईसीटी क्षेत्र के विकास से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग में तेजी से वृद्धि हुई है। इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल उपकरणों की खपत के कारण लाखों मीट्रिक टन ई-कचरा उत्पन्न होने से पर्यावरणीय चुनौतियां बढ़ी हैं।
  • आर्थिक चुनौतियाँ: भारत की गिरती हुई “ई-तत्परता रैंक” इंगित करती है कि भारत में आईसीटी का उपयोग बहुत कम है।
  • उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित गोपनीयता और सुरक्षा, डिजिटल डिवाइड आदि जैसे कारक भी भारत में ई-गवर्नेंस के कार्यान्वयन के लिए बड़ी चुनौतियां हैं।
  • ई-लर्निंग चुनौतियाँ: COVID-19 महामारी ने भारत की शिक्षा प्रणाली को बेहद पक्षपाती और दोषपूर्ण बना दिया है। स्कूल बंद रहने के दौरान सीखने के अवसर प्रदान करने का मुख्य जोर ऑनलाइन शिक्षण है। हालाँकि, इससे असमानता बढ़ी है, शैक्षणिक मुद्दे खराब गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं और ऑनलाइन शिक्षा पर अनुचित जोर दिया जा रहा है।
  • ग्रामीण शिक्षा चुनौतियाँ: ग्रामीण क्षेत्रों में, वित्तीय मुद्दे, मार्गदर्शन की कमी, बुनियादी ढाँचे और संकाय की कमी और लैंगिक असमानता शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं।
  • दूरस्थ कार्य चुनौतियाँ: ई-बुनियादी ढाँचे में संघर्ष, कम अंग्रेजी दक्षता और इंटरनेट समस्याओं के कारण भारत की दूरस्थ कार्य रैंकिंग में गिरावट आई है।

ई-सेवाओं से संबंधित भारत सरकार की पहलें:

  • 1970 में, इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की स्थापना (भारत में ई-गवर्नेंस की दिशा में पहला बड़ा कदम था)।
  • 1977 में, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा जिला सूचना प्रणाली कार्यक्रम की शुरूआत।
  • 1987 में, ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय उपग्रह-आधारित कंप्यूटर नेटवर्क(NICNET) की शुरुआत।

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NEGP):

  • यह देश भर में ई-गवर्नेंस की सभी पहलों को सामूहिक तौर पर एकीकृत करती है। 2006 में स्वीकृत एनईजीपी में 31 मिशन मोड परियोजनाएं शामिल हैं, वर्तमान में  एनईजीपी का डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में विलय कर दिया गया।
  • भीम-यूपीआई (BHIM-UPI), जीईएम (GeM), जीएसटीएन (GSTN), डिजीलॉकर (DigiLocker), उमंग (UMANG) , जीवन प्रमाण (Jeevan Praman), ई-हॉस्पिटल (e-Hospital) आदि जैसी विभिन्न ई-सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं।

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना 2.0;

  • यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का महत्वपूर्ण भाग है।
  • इसे 2015 में "ट्रांसफॉर्मिंग ई-गवर्नेंस फॉर ट्रांसफॉर्मिंग गवर्नेंस" की दृष्टि से अनुमोदित किया गया था ।
  • इस योजना के तहत वर्तमान में 44 मिशन मोड परियोजनाएं विभिन्न चरणों में कार्यान्वित हैं।

आगे की राह:

  • भारत में ई-गवर्नेंस को गति मिल रही है, लेकिन जन जागरूकता और डिजिटल विभाजन महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिनका समाधान किया जाना चाहिए।
  • ई-गवर्नेंस उपायों की सफलता काफी हद तक हाई-स्पीड इंटरनेट की उपलब्धता पर निर्भर करती है, और निकट भविष्य में 5जी तकनीक का राष्ट्रव्यापी रोल-आउट हमारे संकल्प को मजबूत करेगा।

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

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मुख्य परीक्षा प्रश्न:

एनईएसडीए वे फॉरवर्ड वार्षिक रिपोर्ट 2023 के आलोक में, भारत में ई-सेवाओं के समक्ष चुनौतियों के निपटान हेतु आगे की राह का उल्लेख कीजिए

ई-सेवाओं से संबंधित भारत सरकार की प्रमुख पहलों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए