भारत के शान्तिनिकेतन और होयसल मंदिरों को मिला विश्व धरोहर स्थल का टैग

 

 

भारत के शान्तिनिकेतन और होयसल मंदिरों को मिला विश्व धरोहर स्थल का टैग

यह टॉपिक आईएएस/पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के करेंट अफेयर “भारत के विश्व विरासत स्थल” और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-1 “भारतीय कला एवं संस्कृति” से संबंधित है

20 सितंबर, 2023

चर्चा में:

  • हाल ही में कर्नाटक के होयसल मंदिरों और प. बंगाल के शान्तिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया है।
  • 17 सितंबर, 2023 को आधिकारिक तौर पर पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया। यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल, यह भारत का 41 वां विश्व विरासत स्थल है
  • 18 सितंबर, 2023 को, भारत के कर्नाटक में होयसला साम्राज्य के मंदिरों को आधिकारिक तौर पर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया, जो इस प्रतिष्ठित विरासत सूची में सम्मिलित किए जाने वाला भारत का 42वां विश्व धरोहर स्थल है।
  • यह निर्णय सऊदी अरब के रियाद में आयोजित यूनेस्को विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान किया गया।
  • जापान, नाइजीरिया, ओमान, ग्रीस, इटली, रूस, इथियोपिया, जाम्बिया, दक्षिण अफ्रीका, कतर, माली, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, बेल्जियम, अर्जेंटीना, मैक्सिको, सऊदी अरब और थाईलैंड सहित कई देशों ने भारत के इन ऐतिहासिक स्थलों को यूनेस्को का टैग देने के लिए भारत का समर्थन किया था।
  • होयसल और शांतिनिकेतन को मिलाकर भारत के पास कुल 42 विश्व धरोहर हैं, जिसमें 34 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित संपत्ति शामिल है।
  • वर्तमान में विश्व में 42 वर्ल्ड हेरिटेज के साथ भारत का छठवां स्थान है।

शांतिनिकेतन के बारे में:

  • 1901 में स्थापित, शांतिनिकेतन शुरू में भारतीय परंपराओं और धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे वैश्विक एकता के दृष्टिकोण पर आधारित एक आवासीय विद्यालय था।
  • 1921 में, यह एक “विश्व विश्वविद्यालय” के रूप में विकसित हुआ जिसे “विश्व भारती” के नाम से जाना गया।
  • शांतिनिकेतन की अनूठी स्थापत्य शैली, जो एशिया की प्राचीन, मध्यकालीन और लोक परंपराओं का मिश्रण है।
  • यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थिति शांतिनिकेतन के सांस्कृतिक और शैक्षिक महत्व को मान्यता देती है।
  • इस स्थल की अद्वितीय वास्तुकला विरासत को संरक्षित करती है और रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत के बारे में वैश्विक जागरूकता को बढ़ावा देती है।
  • शांतिनिकेतन की स्थापना रबींद्रनाथ टैगोर के पिता, देबेंद्रनाथ टैगोर द्वारा एक आश्रम के रूप में की गयी थी।
  • शांतिनिकेतन की स्थापत्य शैली 20वीं सदी की शुरुआत के ब्रिटिश औपनिवेशिक और यूरोपीय आधुनिकतावादी प्रभावों से पूरी तरह अलग है। यह पूरे एशिया में प्राचीन, मध्ययुगीन और लोक परंपराओं से लिया गया है, जिसमें पैन-एशियाई आधुनिकता भी शामिल है।

होयसल मंदिरों के बारे में:

  • होसयल के पवित्र मंदिर बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा में स्थित हैं।
  • इतिहासकारों के अनुसार, होयसल साम्राज्य को कला और साहित्य का संरक्षक माना जाता है।
  • भगवान शिव को समर्पित होयसल मंदिर का निर्माण 1150 ईस्वी में होयसल राजा द्वारा काले शिष्ट पत्थर से बनवाया गया था।
  • मंदिर में हिंदू धर्म से संबंधित देवी देवताओं के चित्रों, मूर्तियों को उकेरा गया है।
  • कर्नाटक के सोमनाथपुरा में चेन्नेकेशवा मंदिर नरसिम्हा III की देखरेख में 1268 ईस्वी में बनाया गया था।
  • कर्नाटक के हसन जिले के बेलूर में केशव मंदिर विष्णुवर्धन द्वारा निर्मित किया गया है।
  • केशव मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं, संगीतकारों को उकेरा गया है।
  • इन मंदिरों की शैली न ही पूरी तरह से द्रविड़ और न ही पूरी तरह से नागर है।
  • इन मंदिरों को एक अनूठी शैली में बनाया गया है।
  • वर्तमान में इन मंदिरों का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI द्वारा किया जाता है।

यूनेस्को के बारे में:

  • संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक विशेष एजेंसी है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समूह (यूएन एसडीजी) का सदस्य है, जो संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और संगठनों का एक गठबंधन है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करना है।
  • इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है।
  • वर्तमान में इसके महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले हैं।
  • इस संगठन की स्थापना 16 नवंबर 1945 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में की गयी थी
  • वर्तमान में इस संगठन के 193 सदस्य और 11 सहयोगी सदस्य हैं।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

  1. होयसल मंदिरों की शाश्वत सुंदरता, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हमारे पूर्वजों के असाधारण शिल्प कौशल का प्रमाण है। विवेचना कीजिए।
  2. शांतिनिकेतन की अनूठी स्थापत्य शैली, जो एशिया की प्राचीन, मध्यकालीन और लोक परंपराओं का मिश्रण है। विवेचना कीजिए।