भारत-बांग्लादेश संबंध: एक नई दिशा

भारत-बांग्लादेश संबंध: एक नई दिशा  

GS-II: अंतरराष्ट्रीय संबंध (IR)

(यूपीएससी/राज्य पीएससी)

प्रीलिम्स के लिए महत्व

प्रधानमंत्री शेख हसीना,शेख मुजीबुर रहमान, अवामी लीग पार्टी,बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, 'भूमि सीमा' समझौता,नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी।

मेन्स के लिए महत्व

भारत-बांग्लादेश के मध्य संबंध,भारत के लिए बांग्लादेश का महत्व,चुनौतियां,आगे की राह।

Jan. 15, 2024

चर्चा में क्यों:

हाल ही में, बांग्लादेश में संपन्न हुए आम चुनावों में विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है।

प्रधानमंत्रीशेखहसीना:

  • वह शेख मुजीबुर रहमान की पुत्री हैं, जो बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और अवामी लीग के अध्यक्ष थे।
  • 17 अप्रैल, 1971 से 15 अगस्त, 1975 को हत्या होने तक इन्होंने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।

अवामी लीग (Awami League-AL):

  • प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग (Awami League-AL) पार्टी वर्ष 2009 से बांग्लादेश पर शासन कर रही है।

मुख्य विपक्षी दल:

  • पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्त्व वाले मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP)ने चुनाव का बहिष्कार किया।
  • बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने वर्ष 2001 से 2006 के बीच बांग्लादेश पर शासन किया गया।
  • वर्ष 2015 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश यात्रा के दौरान
  •  BNP की नेता 'खालिदा जिया ' से मुलाकात की।
  • खालिदा जिया ने वर्ष 2012 में भारत की यात्रा की थी।
  • भारत की यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि तत्कालीन भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ यह चर्चा “एक नए दौर की शुरुआत” है।

चुनावी राजनीतिक मुद्दे:

  • स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव : अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसी बाह्य अंतरराष्ट्रीय शक्तियों ने बांग्लादेश पर स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिये दबाव डाला है, जिससे विपक्षी दल को भी प्रतिस्पर्धा करने का एक उचित अवसर प्राप्त हो।
  • असंतोष का दमन (Suppression of Dissent):बांग्लादेश की वर्तमान सरकार विपक्षी सदस्यों की गिरफ्तारी की अनुमति देकर उनके असंतोष को दबा रही है साथ ही विपक्षी समर्थकों को डरा-धमकाकर और हिंसक तरीके से हमला करके उनके अभियान को बाधित किया जा रहा है।
  • विरोध प्रदर्शनों और बहिष्कारों के साथ भ्रष्टाचार और मुद्रास्फीति जैसी चिंताओं को भी जोड़कर देखा जा रहा है।

भारत के लिए इस जीत का महत्त्व:

  • भारत के लिए बांग्लादेश के हालिया चुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत वर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना का समर्थन करता है तथा शेख हसीना ने पिछले कई वर्षों में दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को समर्थन दिया है।
  • भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी को बल मिलेगा।
  • शेख हसीना सरकार से भारत के पूर्वोत्तर और अपने देश के बीच ज़मीनी और समुद्री मार्ग की कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
  • बांग्लादेश, दक्षिण एशिया और पूर्वी एशियाई देशों से भारत के आर्थिक जुड़ाव में अहम भूमिका निभा सकता है।

भारत-बांग्लादेश के मध्य संबंध:

  • भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशिया में एक-दूसरे पड़ोसी देश हैं।
  • भारत ने सबसे पहले वर्ष 1971 में स्वतंत्र देश के रूप में बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) को मान्यता प्रदान की थी। तभी से इन दोनों  देशों के मध्य औपचारिक रूप से राजनयिक संबंध बने हुए हैं।
  • भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी ( पड़ोस प्रथम की नीति ) में बांग्लादेश का महत्वपूर्ण स्थान है।
  • तमाम विवादों के बावजूद, भारत और बांग्लादेश दोनों सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
  • भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध सामान्य इतिहास, सामाजिक विरासत, सांस्कृतिक भाषा विज्ञान और संगीत, कला और साहित्य के प्रति लगाव से एकीकृत हैं। 
  • वर्ष 2015 में 'भूमि सीमा' समझौते पर हस्ताक्षर, जिसने सीमा विवाद को सुलझाया, दोस्ती को और भी मजबूत किया।
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय की 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 4,000 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने और सड़क निर्माण का कार्य मार्च, 2024 तक पूरा होने की संभावना है।
  • भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार में सुलह और प्रगति दिखाने के लिए भारत ने बांग्लादेश को कोविड-19 वैक्सीन और अन्य चिकित्सा उपकरण भेजे थे।

व्यापारिक संबंध:

  • वर्तमान में बांग्लादेश भारतका छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश है।
  • पिछले कुछ वर्षों के दौरान दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि हुई है।
  • यह व्यापार वर्ष 2020-21के 10.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले वर्ष 2021-22 में बढ़कर 18.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया है।
  • बांग्लादेश भारत के लिए एक बड़ा बाज़ार बनकर उभरा है।  साल 2022-23 में बांग्लादेश भारत का पांचवां सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार बन गया।
  • अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड्स और चीन के बाद भारत का सबसे ज़्यादा निर्यात बांग्लादेश को हो रहा था।
  • भारत के 12.2 अरब डॉलर के निर्यात में बांग्लादेश के निर्यात बाज़ार की हिस्सेदारी बढ़ कर 2.7 फीसदी पर पहुंच गई।

भारत के लिए बांग्लादेश का महत्व:

  • बांग्लादेश 'भू-राजनीतिक' दृष्टिकोण से भारत के लिए अति महत्वपूर्ण है।
  • बांग्लादेश की भूमि सीमा भारत के साथ सबसे लंबी सीमा रेखा है, जो लगभग 4,096 किलोमीटर तक फैली हुई है। यहसीमा रेखा भारत को बांग्लादेश के साथ तीन ओर से जोड़ती है।
  • बांग्लादेश भारतीय राज्यों असम, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के साथ सीमा साझा करता है।
  • बांग्लादेश भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए प्रवेश मार्ग का काम करता है।भारत बांग्लादेश में कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
  • इन परियोजनाओं से भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।
  • बांग्लादेश की भौगोलिक स्थिति हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के लिए सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। भारत बांग्लादेशके समुद्री क्षेत्र का उपयोग चीन के बढ़ते प्रभुत्व रोकने और अपनी नौसेना की रणनीतिक गतिविधियों को सुदृढ़ करने में कर सकता है।
  • भारत बांग्लादेश के सहयोग से समुद्री व्यापार में समुद्री लुटेरों की चोरियों और अन्य खतरों पर नियंत्रण कर सकता है।

भारत और बांग्लादेश संबंधों में चुनौतियां:

भारत में सीमा पार से नशीली दवाओं की तस्करी, बच्चों और महिलाओं की तस्करी तथा  विभिन्न जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों का अवैध शिकार एक गंभीर चुनौती रही है।

चीन फैक्टर:

  • चीन बांग्लादेश में परमाणु ऊर्जा संयंत्र और बंगबंधु संचार उपग्रह सहित 25 से अधिक ऊर्जा परियोजनाओं पर काम कर रहा है। वह अनेक बंदरगाह विकास परियोजनाओं को वित्त पोषित कर रहा है।
  • चीन की वन बेल्ट वन रोड पहल ने बांग्लादेश और भारत के संबंधों को प्रभावित किया है।इस पहल ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाया है।
  • बांग्लादेश और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2022 में $25 बिलियन से अधिक हो गया है।

रोहिंग्या घुसपैठ और प्रवासन की समस्या:

  • बांग्लादेश से रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत में घुसपैठ की है। बांग्लादेश से भारत में अवैध प्रवासी, जिसमें शरणार्थी और आर्थिक प्रवासी दोनों शामिल हैं का आना-जाना बेरोकटोक जारी है।

माल की तस्करी:

  • एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2014 में भारत से बांग्लादेश को होने वाला अवैध निर्यात लगभग $4अरब का था, जो लगभग औपचारिक व्यापार की मात्रा के बराबर है।
  • भारत-बांग्लादेश सीमा पर सोने और नकली भारतीय मुद्रा नोटों (Fake Indian Currency Notes-FICN) की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है।
  • वर्ष 2022 में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने लगभग 114 किलोग्राम सोना जब्त किया और नकली मुद्रा की तस्करी वर्ष 2022 के 3.33 लाख रुपये से बढ़कर नवंबर 2023 में 15.86 लाख रुपये तक पहुँच गई।
  • नशीली दवाओं की तस्करी: बांग्लादेश को ड्रग तस्करों और ड्रग माफियाओं के लिए एक पारगमन बिंदु (Transit point) के रूप में प्रयोग किया जा रहा है, जो बर्मा और स्वर्ण त्रिकोण (गोल्डन ट्राएंगल) के अन्य देशों से हेरोइन और अफीम को विभिन्न गंतव्य स्थानों तक पहुँचाते हैं।
  • मवेशी तस्करी: भारत-बांग्लादेश सीमा के छिद्रपूर्ण होने के कारण प्रत्येक वर्ष 20 लाख से अधिक भारतीय मवेशियों की बांग्लादेश में तस्करी की जाती है।

नदी जल विवाद:

  • तीस्ता नदी जल विवाद दोनों देशों के मध्य अनसुलझा मुद्दा है। गंगा की सहायक तीस्ता नदी सिक्किम से निकलकर पश्चिम बंगाल केरास्ते बांग्लादेश में प्रवेश करती है। यह नदी बांग्लादेश की चौथी सबसे बड़ी सीमा पार नदी है। इस नदी के जल का सबसे अधिक जमाव क्षेत्र लगभग 83 प्रतिशत भारत में है।
  • इस नदी पर निर्मित जल विद्युत् परियोजनाएं सबसे अधिक सिक्किम राज्य में हैं।
  • बांग्लादेश पहले से निर्धारित जल की मात्रा से अधिक जल की मांग करता रहा है। जिसके के कारण दोनों देशों के मध्य विवाद बना हुआ है।

आतंकवाद:

  • दोनों देशों के मध्य आतंकवाद का मुद्दा अहम है जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे कई संगठन भारत में अपना जाल फैलाने की कोशिश करते रहे हैं।

आगे की राह:

  • भारत को आधिकारिक तौर पर बांग्लादेश में सत्ता संभालने वाले किसी भी दल से द्विपक्षीय समर्थन सुनिश्चित (Securing Bipartisan Support) करने की दिशा में प्रयास रहना चाहिए।
  • अवैध प्रवास के मुद्दे को हल करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अवैध प्रवासियों को मतदान का अधिकार और भारतीय राष्ट्रीयता प्राप्त न हो।
  • सुरक्षा सहयोग को संस्थागत बनाने की आवश्यकता है ताकि यह किसी भी देश में किसी विशेष सरकार के कार्यकाल तक ही सीमित न रहे।
  • द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि और जल बँटवारे संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर करके एकनई शुरुआत की जा सकती है। साथ ही तीस्ता मुद्दे का शीघ्र समाधान भी आवश्यक है।
  • लोगों-से-लोगों (पीपुल टू पीपुल) के आपसी संपर्क को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इसके लिए एक उदार वीजा प्रणाली लागू की जानी चाहिए।

निष्कर्ष:

भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की काफी आवश्यकता है। किसी भी देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए शांति सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसलिए दोनों देशों को सहयोग और सूझबूझ का परिचय देते हुए आतंकवाद, प्रवासी संमस्या, नदी जल विवाद आदि अहम मुद्दों का समाधान करना चाहिए। भारत ने पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में प्रवासी समस्या के निदान हेतु एनआरसी प्रावधान को लागू किया है।

स्रोत: द हिंदू  

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मुख्य परीक्षा प्रश्न:

बांग्लादेशकी शेख हसीना सरकार के भारत-बांग्लादेश संबंधों के सामाजिक,राजनीतिक, व्यापारिक आयामों पर पर पड़ने वाले आगामी प्रभावों पर चर्चा कीजिए।