अगरतला-अखौरा सीमा पार रेल लिंक परियोजना

अगरतला-अखौरा सीमा पार रेल लिंक परियोजना

(भारत-बांग्लादेश संबंध)

प्रिलिम्स के लिए महत्वपूर्ण:

अगरतला-अखौरा रेल लिंक, खुलना-मोंगला बंदरगाह रेल लाइन, मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट, एक्ट ईस्ट पॉलिसी’, ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’, ‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’,

मेन्स के लिए महत्वपूर्ण:

अगरतला-अखौरा सीमा पार रेल लिंक परियोजना का महत्त्व, भारत-बांग्लादेश के मध्य अंतरराष्टीय संबंध

10 नवंबर, 2023

चर्चा में:

  • 1 नवंबर, 2023 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने अगरतला-अखौरा रेल लिंक का उद्घाटन किया, जो भारत के पूर्वोत्तर को बांग्लादेश से जोड़ता है।
  • इसके अलावा दोनों देशों के प्रमुखों द्वारा 65 किमी लंबी खुलना-मोंगला बंदरगाह रेल लाइन और बांग्लादेश के रामपाल में मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट की दूसरी इकाई का उद्घाटन किया गया।

अगरतला-अखौरा सीमा पार रेल लिंक परियोजना

के बारे में :

  • इस  रेल लिंक परियोजना का प्रस्ताव वर्ष 1974 में रखा गया था और 2010 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद इसे गति मिली।
  • इस परियोजना को वर्ष 2012-13 के दौरान मंजूरी दी गई थी और अगरतला-अखौरा रेल लिंक की आधारशिला जुलाई 2016 में रखी गई थी। इसमें एक प्रमुख पुल और तीन छोटे पुल शामिल हैं।
  • यह 12.24 किमी लंबा रेल नेटवर्क है, जो बांग्लादेश में लगभग 6.78 किमी दोहरी गेज रेल लाइन और त्रिपुरा में 5.46 किमी रेल लाइन को जोड़ता है।

उद्देश्य:

  • इस परियोजना का उद्देश्य कनेक्टिविटी बढ़ाना, व्यापार को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना है।

प्रोजेक्ट की लागत:

  • आधिकारिक अनुमान के अनुसार, भारत की ओर से परियोजना की लागत लगभग ₹ 862.58 करोड़ थी, जिसमें विभिन्न स्रोतों से वित्त पोषण शामिल था।

परियोजना में विलंब होने का कारण

  • यह परियोजना 2020 में पूरी होनी थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण मुद्दों और कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई।
  • गौरतलब है कि औपनिवेशिक युग के दौरान अखौरा अगरतला के लिए रेलवे लिंक हुआ करता था।

भारत और बांग्लादेश सड़क मार्ग

  • त्रिपुरा, बांग्लादेश के साथ 856 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है, जिसके कुछ हिस्सों में स्थानीय विवादों के कारण अभी भी बाड़ नहीं लगाई गई है। देश के बाकी हिस्सों से राज्य का एकमात्र सड़क संपर्क असम और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भूमि की एक संकीर्ण पट्टी के माध्यम से है।

परियोजना का महत्त्व:

  • यह रेल लिंक सीमा पार व्यापार को बढ़ावा देगा और ढाका के रास्ते अगरतला और कोलकाता के बीच यात्रा के समय को काफी कम कर देगा।
  • वर्तमान में, अगरतला से कोलकाता तक रेल मार्ग लगभग 1600 किलोमीटर है और इसमें 38 घंटे लगते हैं। रेल लिंक खुलने के बाद यात्रा का समय लगभग 10 घंटे कम हो जाएगा।
  • यह रेल लिंक मालगाड़ियों को बहुत कम परिवहन लागत पर बांग्लादेश के माध्यम से उत्तर पूर्वी क्षेत्र तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा।
  • यह पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, असम और मिजोरम के दक्षिणी भागों के लोंगों के लिए आर्थिक तौर पर उपयोगी होगा।
  • इसके अलावा, यह भूमि से घिरे उत्तर पूर्वी भारत और बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह के बीच सीधी पहुंच भी प्रदान करेगा।
  • यह भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी का समर्थन करेगा है और इस क्षेत्र में छोटे पैमाने के उद्योगों और पर्यटन को बढ़ावा देगा।

मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट:

  • मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए भारत ने बांग्लादेश को 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लोन दिया है। यह 1320 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के रामपाल में बनाया गया है। सितंबर 2022 में, इस प्लांट की पहली यूनिट का उद्घाटन किया गया था।

एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी:

  • नवंबर 2014 में घोषित ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’, ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ का एक उन्नत रूप है।
  • इस पॉलिसी का उद्देश्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर निरंतर जुड़ाव के माध्यम से आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक संबंध विकसित करना है, जिससे उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।
  • भारत द्वारा अपने पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से ‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’ को वर्ष 2005 में प्रारंभ किया गया था।
  • वैश्वीकरण के दौर में यह नीति सॉफ्ट पॉवर पॉलिसी का एक माध्यम है जो दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय एकीकरण की आवश्यकता को संबोधित करती है।   

आगे की राह:

  • दोनों देशों की सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी और मानव तस्करी को रोकने के लिए संयुक्त कार्य बल का गठन किया जाना चाहिए।
  • दोनों के मध्य सीमा विवाद के समाधान हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित मशीनों को उपयोग में लाया जाना चाहिए।
  • दोनों देशों के बीच हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी, डिजिटल सेवाओं और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी कॉरिडोर स्थापित किए जाने चाहिए ताकि व्यापार, सहयोग एवं तकनीकी आदान-प्रदान के नए मार्ग प्रशस्त हो सकें।

 

 

 

स्रोत: द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, पीआईबी

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

अगरतला-अखौरा सीमा पार रेल लिंक परियोजना के संदर्भ में भारत-बांग्लादेश के संबंधों पर चर्चा कीजिए