2024: एसडीजी लक्ष्य हासिल करने का वर्ष

2024: एसडीजी लक्ष्य हासिल करने का वर्ष

GS-3: सतत विकास, मुद्दे और चुनौतियां

(IAS/UPPCS)

प्रीलिम्स के लिए प्रासंगिक:

सतत विकास सतत विकास लक्ष्य(SDGs), बर्टलैंड आयोग, एजेंडा-2030, संयुक्त राष्ट्र एसडीजी रिपोर्ट-2023।

मेंस के लिए प्रासंगिक:

सतत विकास सतत विकास लक्ष्य(SDGs), SDG में प्रगति से संबंधित मुद्दे/ चुनौतियां, आगे की राह, निष्कर्ष।

स्रोत: TH

04/05/2024

प्रसंग:

2024 दुनियाभर में एक चुनावी वर्ष है और नव निर्वाचित सरकारों को सतत विकास लक्ष्यों(SDGs) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

  • हम मानव कल्याण और स्वस्थ पर्यावरण को संतुलित करने के व्यापक लक्ष्य से बहुत दूर हैं। वर्तमान प्रवृत्ति, यदि यह जारी रहती है, तो पर्यावरणीय क्षरण में तेजी आएगी और स्थिरता की ओर बढ़ने का उद्देश्य विफल हो जाएगा।

सतत विकास लक्ष्य(SDGs) रिपोर्ट, 2023:

  • सतत विकास एक सामान्य वैश्विक प्रयास है। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन, जो न्यूयॉर्क (18-19 सितंबर, 2023) में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन एसडीजी हासिल करने की दिशा में प्रगति का आकलन किया गया।
  • एजेंडा-2030, जिसे 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया था, ने 2030 तक प्राप्त किए जाने वाले 169 विशिष्ट लक्ष्यों के साथ 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की पहचान की थी।
  • यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैर-बाध्यकारी है, लेकिन सभी देश इन लक्ष्यों की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

तत्काल कार्रवाई:

  • इस उभरते परिदृश्य को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र एसडीजी रिपोर्ट, 2023 ने तत्काल कार्रवाई के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की:
  • एसडीजी के वादों को पूरा करने के लिए सात साल के त्वरित, निरंतर और परिवर्तनकारी कार्यों के लिए सरकारों की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करना;
  • महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को आगे बढ़ाने और सबसे कमजोर लोगों को सशक्त बनाने पर ध्यान देने के साथ गरीबी उन्मूलन, असमानता को कम करने और प्रकृति पर युद्ध को समाप्त करने के लिए ठोस, एकीकृत और लक्षित सरकारी नीतियां और कार्यवाहियां;
  • त्वरित प्रगति प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय और उपराष्ट्रीय क्षमता, जवाबदेही और सार्वजनिक संस्थानों को मजबूत करना;
  • विकासशील देशों की सहायता के लिए संसाधन उपलब्ध कराने और जुटाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की पुनः प्रतिबद्धता, और संयुक्त राष्ट्र विकास प्रणाली को लगातार मजबूत करना।

क्या है सतत विकास:

परिभाषा:

‘पर्यावरण तथा विकास पर विश्व आयोग’ (1983) के तहत बर्टलैंड आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट (1987) के अनुसार, आने वाली पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया विकास ही सतत विकास है।

SDGs प्रगति का आकलन:

  • उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, SDGs प्रगति अपने ट्रैक पर चल रही है, हालांकि यह औसतन तौर पर धीमी रही है।
  • 2015 से 2019 तक, SDGs हासिल करने में कुछ सुधार हुए, हालांकि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ये पर्याप्त नहीं थे।

SDG में प्रगति से संबंधित मुद्दे/ चुनौतियां:

महामारी:

  • सतत विकास लक्ष्य हासिल न होने के प्रमुख कारण: कोविड-19 महामारी का प्रकोप और अन्य वैश्विक संकट।

प्रतिबद्धता का अभाव:

  • प्रतिबद्धताओं के बावजूद, 17 SDG सहित 169 लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में प्रगति केवल 15% है और इसमें कुछ क्षेत्र पिछड़ भी रहे हैं।

फंडिंग की अपर्याप्तता:

  • विकासशील देशों में SDG हासिल करने में निवेश का अंतर 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है जो पूर्व के अनुमानों से काफी अधिक है।
  • यह विशाल वित्तीय आवश्यकता SDG को असंभव बना देती है, जिससे फंडिंग की पर्याप्तता और पहुँच पर सवाल खड़े हो जाते हैं।

असमानताएं एवं बाधाएँ:

  • SDG हस्तक्षेपों में पाँच असमानताओं की पहचान की गई है, जिनमें संसाधन आवंटन, सक्षम वातावरण का निर्माण, सह-लाभ, लागत-प्रभावशीलता और संतृप्ति सीमाएँ शामिल हैं।
  • विभिन्न बाधाएँ सहक्रियात्मक कार्रवाई में बाधा डालती हैं, जैसे सूचनाओं तक पहुँच में अंतर, राजनीतिक और संस्थागत बाधाएँ एवं आर्थिक चुनौतियाँ।

नीति कार्यान्वयन में चुनौतियाँ:

  • एकीकरण और सटीक उद्देश्यों की कमी के कारण नीति कार्यान्वयन में विसंगतियाँ एवं गलत संरेखण कठिनाइयाँ उत्पन्न करते हैं, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों तथा छोटे पैमाने के अनुप्रयोगों को पूरा करने में।

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय प्रभाव:

  • जलवायु परिवर्तन को एक महत्त्वपूर्ण चुनौती के रूप में पहचाना गया है, जिससे SDG लक्ष्यों की प्राप्ति को खतरा है। वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन अभी भी बढ़ रहा है, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति हमारी संवेदनशीलता के विषय में चिंताएँ बढ़ रही हैं।

लक्ष्यों को नजरअंदाज करना:

  • धीमी प्रगति के अलावा, पर्यावरण और जैव विविधता (जिम्मेदार उपभोग और उत्पादन, जलवायु कार्रवाई, पानी के नीचे जीवन और भूमि पर जीवन सहित) से संबंधित लक्ष्यों की ओर बहुत कम या कोई ध्यान नहीं दिया गया।

आगे की राह:

  • जलवायु परिवर्तन और इसके पर्यावरणीय प्रभावों से निपटना एक प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि समन्वित वैश्विक प्रयास किए जा सकें।
  • सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रगति के लिये राष्ट्रों के बीच बहुपक्षीय कार्यों और सहयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • अभिकर्त्ताओं को धारणीय विश्व हेतु सभी के अधिकारों और कल्याण की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए वर्ष 2030 एजेंडा के प्रति समर्पित रहना चाहिए।

निष्कर्ष:

दुनियाभर में कम से कम 64 ऐसे विकसित और विकासशील देश हैं जहां विश्व की 49% आबादी रहती है। इन सभी देशों को 2024 के चुनावी साल में नवनिर्वाचित सरकारों के माध्यम से अपनी राष्ट्रीय नीतियों में सतत विकास लक्ष्यों से संबंधित मुद्दों को संबोधित करना चाहिए ताकि सतत विकास से संबंधित एजेंडे 2030 को हासिल किया जा सके।

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मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न

सतत विकास लक्ष्य(SDGs) रिपोर्ट, 2023 के आलोक में SDG में प्रगति से संबंधित मुद्दे और चुनौतियों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।