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दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन(आसियान)

16.11.2023

दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन(आसियान)

प्रारंभिक परीक्षा के लिए: आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) के बारे में, एडीएमएम-प्लस का महत्व,

मुख्य पेपर के लिए: आसियान के बारे में, आसियान की संस्थागत संरचना, भारत के लिए आसियान का महत्व, भारत के लिए आसियान का महत्व

खबरों में क्यों ?

16 नवंबर, 2023 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की 10वीं बैठक-प्लस में भाग लेंगे।

महत्वपूर्ण बिन्दु:

  • इस सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी।
  • वर्तमान में इंडोनेशिया एडीएमएम-प्लस का अध्यक्ष है और वह इस वर्ष बैठक की मेजबानी कर रहा है।

आसियान रक्षा मंत्री बैठक-प्लस’ (एडीएमएम-प्लस) के बारे में :

  • यह बैठक 16 नवंबर से 17 नवंबर, 2023 तक जकार्ता, इंडोनेशिया में आयोजित की जाएगी।
  • एडीएमएम-प्लस मंत्री आसियान और प्लस देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सालाना बैठक 2017 से आयोजित की जा रही हैं।
  • एडीएमएम-प्लस का उद्घाटन सत्र 12 अक्टूबर, 2010 को वियतनाम के हनोई में आयोजित किया गया था।
  • एडीएमएम आसियान देशों के हित में सर्वोच्च रक्षा परामर्श व सहकारी तंत्र है।
  • एडीएमएम-प्लस आसियान सदस्य देशों के लिए एक महत्वपूर्ण संवाद मंच की भूमिका निभाता है।
  • यह आसियान के संवाद भागीदार देशों के मध्य सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग को सशक्त करने पर भी विचार-विमर्श करता है।

एडीएमएम-प्लस का महत्व:

  • एडीएमएम-प्लस सात विशेषज्ञ कार्य समूहों (ईडब्ल्यूजी) अर्थात् समुद्री सुरक्षा, सैन्य चिकित्सा, साइबर सुरक्षा, शांति स्थापना गतिविधि, आतंकवाद विरोधी प्रयास, मानव को बारूदी सुरंग से बचाने की कार्रवाई और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) के माध्यम से सदस्य देशों के बीच व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाता है।

आसियान के बारे में:

  • आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी।
  • इसका मुख्यालय जकार्ता, इंडोनेशिया में स्थित है।
  • बैंकॉक घोषणा, 1967 ने औपचारिक रूप से आसियान की स्थापना की।
  • पहला आसियान शिखर सम्मेलन 1976 में हुआ था।
  • सदस्य: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया।
  • इसके आठ संवाद भागीदार देश (भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) है।
  • दक्षिणपूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) एक क्षेत्रीय संघ है जिसकी स्थापना बढ़ते संघर्षों के बीच एशिया के उपनिवेशवाद के बाद के राज्यों के बीच सामाजिक स्थिरता और राजनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए की गई थी।
  • आसियान का आदर्श वाक्य " एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय" है।
  • प्रत्येक वर्ष 8 अगस्त को आसियान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आसियान का संस्थागत ढांचा :

  • आसियान शिखर सम्मेलन: क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और नीति निर्देश निर्धारित करने के लिए इसकी सालाना बैठक होती है।
  • आसियान समन्वय परिषद (एसीसी): यह आसियान समझौतों और निर्णयों के कार्यान्वयन की देखरेख करती है।
  • आसियान सचिवालय: यह आसियान की गतिविधियों और पहलों का समर्थन और सुविधा प्रदान करता है।
  • आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ): यह आसियान सदस्य देशों और उनके सहयोगियों के बीच राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों पर बातचीत और सहयोग का एक मंच है।
  • निर्णय लेना: यह परामर्श और सर्वसम्मति के माध्यम से किया जाता है।

भारत के लिए आसियान का महत्व:

  • भारत 1992 में आसियान का संवाद भागीदार बना था।
  • भारत को आर्थिक और सुरक्षा दोनों कारणों से आसियान देशों के साथ घनिष्ठ राजनयिक संबंध की आवश्यकता है।
  • आसियान देशों के साथ कनेक्टिविटी से भारत को इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति सुधारने में मदद मिल सकती है।
  • ये कनेक्टिविटी परियोजनाएं पूर्वोत्तर भारत को केंद्र में रखती हैं, जिससे पूर्वोत्तर राज्यों की आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित होती है।
  • आसियान देशों के साथ बेहतर व्यापार संबंधों का मतलब क्षेत्र में चीन की उपस्थिति और भारत के लिए आर्थिक वृद्धि और विकास का प्रतिकार होगा।
  • आसियान इंडो-पैसिफिक में नियम-आधारित सुरक्षा वास्तुकला में एक केंद्रीकृत स्थान रखता है, जो भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका अधिकांश व्यापार समुद्री सुरक्षा पर निर्भर है।

पूर्वोत्तर में उग्रवाद का मुकाबला करने, आतंकवाद, कर चोरी आदि से निपटने के लिए आसियान देशों के साथ सहयोग आवश्यक है।