19.07.2025
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024–25
प्रसंग:
शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, अहमदाबाद को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024–25 में सबसे स्वच्छ बड़े शहर के रूप में चुना गया। यह परिणाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा एक राष्ट्रीय सम्मान समारोह में घोषित किए गए, जो भारतीय शहरों की स्वच्छता के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
स्वच्छ सर्वेक्षण क्या है?
यह एक वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण है जिसे आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा आयोजित किया जाता है, जिसमें शहरों की रैंकिंग स्वच्छता, कचरा प्रबंधन और नागरिक भागीदारी के आधार पर की जाती है।
- लक्ष्य: स्वच्छता को प्रतिस्पर्धात्मक और सहयोगात्मक मिशन बनाना।
- परिमाण: 4,500 से अधिक शहरों की भागीदारी और 14 करोड़+ नागरिकों की भागीदारी मोबाइल ऐप, फीडबैक और फील्ड विज़िट्स के माध्यम से।
- मुख्य क्षेत्र: घर-घर कचरा संग्रह, स्रोत पर अलगाव, सार्वजनिक शौचालयों की पहुंच, और शहरी सौंदर्यीकरण।
2024–25 की मुख्य झलकियां: प्रमुख विजेता
10 लाख+ जनसंख्या वाले शहर:
-
- अहमदाबाद
- भोपाल
- लखनऊ
3–10 लाख जनसंख्या वाले शहर:
-
- मीरा-भायंदर
- बिलासपुर
- जमशेदपुर
अन्य श्रेणियाँ:
- सर्वश्रेष्ठ गंगा नगर: प्रयागराज
- सर्वश्रेष्ठ छावनी बोर्ड: सिकंदराबाद
- सफाई कर्मी सुरक्षा: विशाखापत्तनम, जबलपुर, गोरखपुर
सुपर स्वच्छ लीग (SSL): एक नई श्रेणी
यह श्रेणी उन शहरों को मान्यता देती है जो वर्षों से स्वच्छता में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
- लक्ष्य: केवल एक बार की उपलब्धियों से आगे बढ़ते हुए, दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को प्रोत्साहन देना।
- पात्रता:
- कम से कम 3-स्टार 'गर्बेज फ्री सिटी' रेटिंग
- स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार उच्च रैंकिंग
- नागरिक भागीदारी, ODF++ स्थिति, और स्रोत पर कचरा अलगाव में मजबूत प्रदर्शन
- उदाहरण: इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, मैसूरु, चंडीगढ़
इस वर्ष के प्रमुख रुझान
- मध्यम आकार के शहरों का उदय: बिलासपुर और जमशेदपुर जैसे शहर अब मेट्रो शहरों से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
- 3R सिद्धांत का प्रसार: 'Reduce, Reuse, Recycle' को अपनाया गया।
- वैज्ञानिक कचरा प्रबंधन: 12 शहरों को 7-स्टार और 22 को 5-स्टार रेटिंग मिली।
- छोटे शहरों को बराबरी का मौका: 1 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों के लिए स्कोरिंग प्रणाली को संशोधित किया गया।
- नागरिक भागीदारी: अब तक की सबसे अधिक—14 करोड़ लोगों की भागीदारी।
नवाचार और अभियान
- वेस्ट-टू-वेल्थ: रिसाइकल कचरे से बने उपहार सम्मानित व्यक्तियों को दिए गए।
- “Each One Clean One”: टॉप 78 शहर कमजोर शहरों को मेंटर करेंगे।
- डंपसाइट सफाई अभियान: 15 अगस्त 2025 से 1-वर्षीय अभियान शुरू होगा।
- कुंभ प्रबंधन: प्रयागराज ने 66 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए कुंभ में उत्कृष्ट स्वच्छता प्रबंधन दिखाया।
- सफाईमित्र सुरक्षा: गोरखपुर और जबलपुर जैसे शहरों ने सफाईकर्मियों के अधिकार और सुरक्षा के लिए सराहना पाई।
यह सर्वेक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?
- व्यवहार परिवर्तन: स्वच्छता अब केवल एक नियम नहीं, आदत बन रही है।
- रोजगार और स्टार्टअप: कचरा प्रबंधन से नए स्टार्टअप, महिला स्वयं सहायता समूह और हरित नौकरियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
- प्रदर्शन मापन: शहर अपनी प्रगति को माप सकते हैं और एक-दूसरे से सीख सकते हैं।
- विकसित भारत 2047 लक्ष्य: स्वच्छ शहर इस लक्ष्य की नींव हैं।
- महिला नेतृत्व: स्कूल अभियानों और शून्य-कचरा प्रयासों में महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं।
निष्कर्ष
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024–25 केवल रैंकिंग नहीं है, यह भारत के शहरी स्वच्छता दृष्टिकोण में आ रहे परिवर्तन को दर्शाता है। बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक, नागरिक नेतृत्व और नीति-आधारित दृष्टिकोण भारत को एक स्वच्छ, टिकाऊ भविष्य की ओर ले जा रहा है।