02.07.2025
रोजगार-लिंक्ड प्रोत्साहन (ELI) योजना
बेरोजगारी को दूर करने और औपचारिक रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अगस्त 2025 से रोजगार-लिंक्ड प्रोत्साहन (ELI) योजना की शुरुआत बड़े वित्तीय सहयोग के साथ की है।
• यह पहल सरकार द्वारा केंद्रीय बजट 2024–25 के अंतर्गत लक्षित प्रोत्साहनों के माध्यम से रोजगार सृजन के लिए शुरू की गई।
• ELI योजना का उद्देश्य विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में औपचारिक रोजगार को प्रोत्साहित करना है।
• यह योजना उद्देश्य में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के समान है।
• इसका लक्ष्य 1.92 करोड़ प्रथम-बार औपचारिक रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को लाभ पहुंचाना है।
• पात्रता: केवल उन्हीं कर्मचारियों के लिए जो पहली बार नौकरी में हों, जिनका वेतन ₹1 लाख/माह तक हो और जो EPFO में पंजीकृत हों।
→ अनौपचारिक से औपचारिक रोजगार की ओर स्थानांतरण को प्रोत्साहन।
• समयावधि: योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक लागू रहेगी।
→ दो वर्षों की निर्धारित प्रोत्साहन अवधि।
• प्रत्यक्ष वेतन सहायता: कर्मचारियों को किश्तों में ₹15,000 तक की प्रारंभिक वित्तीय सहायता मिलेगी।
→ औपचारिक कार्य शुरू करने की लागत को कम करने में मदद।
• EPFO योगदान सहायता: सरकार 4 वर्षों तक नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का EPF हिस्सा वहन करेगी।
→ नियोक्ताओं पर दीर्घकालिक बोझ को कम करना।
• नियोक्ताओं के लिए भर्ती प्रोत्साहन: ₹1 लाख/माह वेतन पर नियुक्ति करने वाले फर्मों को प्रति कर्मचारी ₹3,000 दिए जाएंगे।
→ कंपनियों को कार्यबल विस्तार के लिए प्रेरित करना।
• अतिरिक्त कार्यक्रम: कौशल प्रशिक्षण और इंटर्नशिप योजनाएं कार्यबल की तैयारी में सहायक होंगी।
→ युवाओं को औपचारिक नौकरियों के लिए तैयार करना।
• यह योजना केवल वेतन सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि रोजगार को औपचारिक रूप देने और कौशल विकास का प्रयास भी है।
• EPFO पंजीकरण को अनिवार्य बनाकर यह योजना असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाती है।
• वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देकर यह योजना निम्न-आय वर्ग के दीर्घकालिक समावेश को सक्षम बनाती है।
• उद्योग संघों ने इसे श्रम बाज़ार में समावेशी और संरचित सुधारों की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया है।
• विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रोत्साहनों से जुड़े औपचारिक रोजगार मॉडल की ओर एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाती है।
• प्रथम-बार कर्मचारियों की पहचान: पूर्व अनौपचारिक रोजगार का रिकॉर्ड ट्रैक करना कठिन है।
→ उदाहरण: किसी संविदा कर्मचारी का EPF रिकॉर्ड नहीं है, फिर भी वह पात्र प्रतीत हो सकता है।
• छोटे उद्यमों में कार्यान्वयन: छोटे फर्म EPFO में पंजीकरण नहीं कराते हैं।
→ उदाहरण: ग्रामीण क्षेत्रों के MSME औपचारिक प्रक्रिया से बचते हैं।
• बजट उपयोग की निगरानी: ₹99,000 करोड़ की प्रभावी उपयोगिता सुनिश्चित करना जटिल है।
→ उदाहरण: लाभ दोहराव या धोखाधड़ी का जोखिम।
• रोजगार की स्थिरता: प्रोत्साहन समाप्त होने पर कर्मचारी नौकरी छोड़ सकते हैं।
→ उदाहरण: कर्मचारी वेतन सहायता पाने के बाद नौकरी बदल सकते हैं।
• EPFO को आधार से जोड़कर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
→ उदाहरण: एकल EPF नंबर लाभ दोहराव से रोकने में मदद करता है।
• MSME के लिए पंजीकरण और अनुपालन लाभ पर जागरूकता अभियान चलाएं।
→ उदाहरण: द्वितीय श्रेणी के शहरों में EPFO पंजीकरण कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
• फंड वितरण की जिम्मेदारी तय करने हेतु थर्ड-पार्टी ऑडिट हो।
→ उदाहरण: स्वतंत्र एजेंसियां जाँच करें कि भर्ती वास्तव में हुई या नहीं।
• स्थानीय रोजगार कार्यालयों के माध्यम से कौशल और भर्ती को जोड़ा जाए।
→ उदाहरण: ‘स्किल इंडिया’ से प्रशिक्षित इंटर्न को ELI के तहत नियुक्त किया जाए।
ELI योजना भारत के औपचारिक रोजगार तंत्र को सशक्त बनाने की एक समयानुकूल पहल है। यदि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और सख्ती से निगरानी की जाए, तो यह विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षित रोजगार के अवसर पैदा कर सकती है और प्रथम-बार श्रमिकों को सशक्त बना सकती है।