12.10.2023
एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (एआईबीडी)
प्रारंभिक परीक्षा के लिए: एआईबीडी के 21वें आम सम्मेलन,एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट,एआईबीडी द्वारा पुरस्कार
मुख्य सामान्य अध्ययन पेपर 1 के लिए: एआईबीडी के 21वें आम सम्मेलन और महत्व,एआईबीडी का उद्देश्य और सदस्यता ,संस्थापक सदस्य,यूएन-ईएससीएपी (UN-ESCAP),प्रसार भारती के बारे में और उद्देश्य
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खबरों में क्यों:
हॉल ही में, एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (एआईबीडी) के 21वें आम सम्मेलन में भारत को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना लिया गया है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- भारत इससे पूर्व, 2018-2021 और 2021-2023 तक पहले ही एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (एआईबीडी) जनरल कॉन्फ्रेंस (जीसी) के अध्यक्ष के रूप में दो कार्यकाल पूर्ण कर चुका है।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि एआईबीडी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
एआईबीडी के 21वें आम सम्मेलन के बारे में:
- एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (एआईबीडी) के 21वें आम सम्मेलन और इससे संबद्ध बैठकें 2023 (जीसी 2023) की अध्यक्षता एआईबीडी के अध्यक्ष और प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री गौरव द्विवेदी द्वारा की गई।
- इस सम्मेलन का समापन 02-04 अक्टूबर, 2023 को मॉरीशस के पोर्ट लुइस में सफलतापूर्वक हुआ।
- इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य: नीति निर्माण और संसाधन विकास के माध्यम से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक जीवंत और सामंजस्यपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वातावरण को बढ़ावा देना था।
भारत के लिए महत्व:
- एक अंतरराष्ट्रीय प्रसारण संस्थान में इस तरह के प्रतिष्ठित पद पर रहना न केवल भारत और प्रसार भारती के प्रति अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मजबूत भरोसे को दर्शाता है, बल्कि प्रसारण के क्षेत्र में रणनीतिक रूप से भविष्य की उपलब्धियां हासिल करने हेतु भारत के लिए मजबूत आधारशिला भी रखता है।
- इस कदम से एशिया प्रशांत और दुनिया भर के प्रसारण संगठनों को भारत पर भरोसा बड़ेगा।
एशिया-पैसिफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (एआईबीडी) के बारे में:
- एआईबीडी की स्थापना, 1977 में की गई थी।
- इसका सचिवालय कुआलालंपुर में स्थित है।
- मलेशिया सरकार द्वारा एआईबीडी मेज़बानी की जाती है।
- इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के तत्वावधान में की गई थी।
- भारत इस संगठन के संस्थापक सदस्यों में से एक है।
- भारत का सार्वजनिक सेवा प्रसारक, प्रसार भारती एआईबीडी में भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय का एक प्रतिनिधि निकाय है।
- यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विकास के क्षेत्र में एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएन-ईएससीएपी) के देशों की सेवा करने वाला एक अद्वितीय क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है।
- यह संस्थान अपने सदस्य देशों के राष्ट्रीय प्रसारण संगठनों के साथ-साथ क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निकायों के भीतर उपलब्ध बौद्धिक और तकनीकी संसाधनों को जुटाकर इस जनादेश को पूरा करना चाहता है।
- यह इसे एक अच्छी तरह से स्थापित बुनियादी ढांचे और नेटवर्किंग तंत्र के माध्यम से करता है जिसमें सरकारी एजेंसियां, गैर-सरकारी संगठन, उच्च शिक्षा संस्थान, निजी क्षेत्र और व्यक्तिगत पेशेवर शामिल हैं।
एआईबीडी का उद्देश्य:
- नीति और संसाधन विकास के माध्यम से एशिया प्रशांत क्षेत्र में एक जीवंत और सामंजस्यपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वातावरण प्राप्त करना है।
एआईबीडी में सदस्यता:
- इसमें 44 देशों के 92 सदस्य संगठन हैं, जिनमें 26 सरकारी सदस्य (देश) शामिल हैं, जिनका प्रतिनिधित्व 48 प्रसारण प्राधिकरण और प्रसारक करते हैं।
- इसके 44 सहयोगी (संगठन) भी हैं जो एशिया, प्रशांत, यूरोप, अफ्रीका, अरब राज्यों और उत्तरी अमेरिका के 28 देशों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
एआईबीडी के संस्थापक सदस्य:
ये आम सम्मेलनों के गैर-मतदाता सदस्य भी होते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ।
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम -UNDP
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक सांस्कृतिक संगठन -UNESCO
- एशिया प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान/ एशिया -पेसिफिक ब्रॉडकास्टिंग यूनियन
एआईबीडी द्वारा पुरस्कार:
- लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड।
- सराहना पुरस्कार (Appreciation Award)।
यूएन-ईएससीएपी (UN-ESCAP) के बारे में:
- एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UN-ESCAP) एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे समावेशी अंतरसरकारी मंच है।
- इसकी स्थापना 28 मार्च 1947 में की गयी थी।
- इसमें 53 सदस्य देश और 9 सहयोगी सदस्य है, जो विकास की चुनौतियों के समाधान की खोज में सहयोग देते है।
प्रसार भारती के बारे में:
- प्रसार भारती, प्रसार भारती अधिनियम, 1990 के तहत स्थापित एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है और 23.11.1997 को अस्तित्व में आया है।
- प्रसार भारती को ब्रॉडकास्टिंग कारपोरेशन ऑफ़ इण्डिया के नाम से भी जाना जाता हैं।
प्रसार भारती के उद्देश्य:
प्रसार भारती अधिनियम 1990 में दिए गए प्रसार भारती के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं-
- देश की एकता और अखंडता तथा संविधान में दिए गए मूल्यों को अक्षुण्ण रखना।
- राष्ट्रीय अखंडता को बढ़ावा देना।
- सार्वजनिक हित के सभी विषयों की जानकारी प्राप्त करने के नागरिक अधिकारों को सुरक्षित रखना और सूचना को उचित और संतुलित रूप में प्रस्तुत करना।
- शिक्षा और साक्षरता के प्रसार कृषि ग्रामीण विकास, पर्यावरण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों की ओर विशेष ध्यान देना।
- महिलाओं से संबंधित मामलों के संबंध में जागरूकता उत्पन्न करना, तथा बच्चों, बुजुर्गों और समाज के अन्य निर्बल वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए विशेष उपाय करना।
- विविध संस्कृतियों, क्रीड़ा और खेलकूद तथा युवा मामलों को पर्याप्त कवरेज देना।
- सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना, अमजीवी वर्ग, अल्पसंख्यकों और जनजाति समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना।
- अनुसंधान को बढ़ावा देना तथा प्रसारण सेवाओं का विस्तार और प्रसारण प्रौद्योगिकी का विकास।
Source:The Hindu