27.11.2023
9वां राष्ट्रीय स्तर का प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास (NATPOLREX-IX)
प्रीलिम्स के लिए: 9वां राष्ट्रीय स्तर का प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास, महत्वपूर्ण बिंदु, भारतीय तटरक्षक द्वारा अन्य अभ्यास
मुख्य पेपर के लिए: भारतीय तटरक्षक बल, पृष्ठभूमि, भारतीय तटरक्षक के क्षेत्रीय मुख्यालय, कर्तव्य और कार्य के बारे में
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खबरों में क्यों ?
25 नवंबर 2023 को भारतीय तटरक्षक बल द्वारा वाडिनार(कच्छ की खाड़ी ), गुजरात में 9वां राष्ट्रीय स्तर का प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास (NATPOLREX-IX) आयोजित किया गया।
महत्वपूर्ण बिन्दु:
- भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक डीजी राकेश पाल और एनओएसडीसीपी के अध्यक्ष ने अभ्यास के दौरान सभी एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की।
- भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) ने राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिकता योजना (NOS-DCP) के अनुरूप, वाडिनार तट पर राष्ट्रीय स्तर के प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास-IX (NATPOLREX-IX) के 9वें संस्करण की शुरुआत की है।
9वां राष्ट्रीय स्तर का प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास:
- इस दो दिवसीय अभ्यास का आयोजन 24 और 25 नवंबर तक किया गया।
- इस अभ्यास में केंद्रीय और तटीय राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों, बंदरगाहों, तेल प्रबंधन एजेंसियों और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- अभ्यास में 31 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षकों और 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- भारतीय तट रक्षक (ICG) ने राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिकता योजना (NOS-DCP) के अनुरूप, वाडिनार तट पर राष्ट्रीय स्तर के प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास-IX (NATPOLREX-IX) के 9वें संस्करण की शुरुआत की है।
- तटरक्षक अधिकारी के अनुसार, यह अभ्यास एक महत्वपूर्ण पहल है जो समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया तंत्र के विभिन्न पहलुओं का परीक्षण करता है और किसी भी समुद्री रिसाव आकस्मिकताओं से निपटने के लिए संसाधन एजेंसियों की तैयारी का आकलन करता है।
भारतीय तटरक्षक बल द्वारा अन्य अभ्यास:
सागर कवच (तटीय सुरक्षा अभ्यास):
- भारतीय तट रक्षक बल ने हाल ही में तटीय सुरक्षा तंत्र में रुचि रखने वाले सभी पक्षों की तैयारियों और प्रतिक्रिया तंत्र का आकलन करने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 21 से 23 नवंबर 2023 तक तीन दिवसीय तटीय सुरक्षा अभ्यास, सागर कवच का आयोजन किया।
- ‘सागर कवच’ एक द्विवार्षिक तटीय सुरक्षा अभ्यास है जिसे भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और तटीय पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है।
भारतीय तटरक्षक बल के बारे में :
- भारत में तटरक्षक का आविर्भाव, समुद्र में भारत के राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार के भीतर राष्ट्रीय विधियों को लागू करने तथा जीवन और संपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नई सेवा के तौर पर 01 फ़रवरी 1977 को की गई थी।
- भारतीय तटरक्षक का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- भारतीय तटरक्षक बल भारतीय जल में तेल रिसाव की प्रतिक्रिया के लिए केंद्रीय समन्वय प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है।
- भारतीय तटरक्षक, भारत के समुद्री क्षेत्रों में लागू सभी राष्ट्रीय अधिनियमों के उपबंधों का प्रवर्तन करने के लिए प्रमुख संस्था है।
- भारतीय तटरक्षक बल ने 07 मार्च 1986 को भारत के समुद्री क्षेत्रों में समुद्री पर्यावरण की रक्षा के लिए जिम्मेदारियाँ संभाली, जब ये जिम्मेदारियाँ जहाजरानी मंत्रालय से स्थानांतरित कर दी गईं।
- इसके बाद, तटरक्षक ने समुद्र में तेल रिसाव आपदा से निपटने के लिए एनओएसडीसीपी तैयार किया।
- जिसे 1993 में सचिवों की समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था।
- एनओएसडीसीपी तैयार करने के अलावा, तटरक्षक ने मुंबई, चेन्नई, पोर्ट ब्लेयर और वाडिनार में चार प्रदूषण प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए हैं।
पृष्टभूमि:
- 25 अगस्त 1976 को भारत का समुद्री क्षेत्र अधिनियम पारित हुआ।
- इस अधिनियम के अधीन भारत ने 2.01 लाख वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र का दावा किया, जिसमें भारत को समुद्र में जीवित तथा अजीवित दोनों ही संसाधनों के अन्वेषण तथा दोहन के लिए अनन्य अधिकार होगा।
- इसके बाद मंत्रिमंडल द्वारा 01 फ़रवरी 1977 से एक अंतरिम तटरक्षक संगठन के गठन का निर्णय लिया गया।
- 18 अगस्त 1978 को संघ के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में भारतीय संसद द्वारा तटरक्षक अधिनियम,1978 के तहत भारतीय तटरक्षक का औपचारिक तौर पर उद्घाटन किया गया।
भारतीय तटरक्षक बल का क्षेत्रीय मुख्यालय :
भारतीय तटरक्षक बल का क्षेत्रीय मुख्यालय पाँच क्षेत्रों में बाँटा गया है :
- पश्चिमी क्षेत्र - क्षेत्रीय मुख्यालय : मुंबई
- पूर्वी क्षेत्र - क्षेत्रीय मुख्यालय : चेन्नई
- उत्तर पूर्वी क्षेत्र - क्षेत्रीय मुख्यालय : कोलकाता
- अंडमान व निकोबार क्षेत्र - क्षेत्रीय मुख्यालय : पोर्ट ब्लेयर
- उत्तर पश्चिमी क्षेत्र - क्षेत्रीय मुख्यालय : गाँधीनगर, (गुजरात)
कर्तव्य तथा कार्य:
- समुद्री क्षेत्रों में कृत्रिम द्वीपों, अपतटीय संस्थापनाओं तथा अन्य संरचना की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करना।
- मछुवारों की सुरक्षा करना तथा समुद्र में संकट के समय उनकी सहायता करना।
- समुद्री प्रदूषण के निवारण और नियंत्रक सहित हमारे समुद्री पर्यावरण का संरक्षण और परिरक्षण करना।
- तस्करी-रोधी अभियानों में सीमा-शुल्क विभाग तथा अन्य प्राधिकारियों की सहायता करना।
- भारतीय समुद्री अधिनियमों का प्रवर्तन करना।
- समुद्र में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करना।